उकड़ू बैठना: Difference between revisions

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'''अर्थ''' -घुटनों को छाती से जोड़कर बैठना।
'''अर्थ''' -घुटनों को छाती से जोड़कर बैठना।


'''प्रयोग''' -रात भर पानी बरसता रहा और उस अँधेरी रात में वह खाट पर चादर लपेटे उकड़ू बैठा रहा। [[कमलेश्वर]]
'''प्रयोग''' -रात भर पानी बरसता रहा और उस अँधेरी रात में वह खाट पर चादर लपेटे उकड़ू बैठा रहा।- [[कमलेश्वर]]


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

Revision as of 08:22, 25 October 2015

उकड़ू बैठना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है ।

अर्थ -घुटनों को छाती से जोड़कर बैठना।

प्रयोग -रात भर पानी बरसता रहा और उस अँधेरी रात में वह खाट पर चादर लपेटे उकड़ू बैठा रहा।- कमलेश्वर

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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