ज़बान चलाने की रोटी खाना: Difference between revisions

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'''अर्थ'''- केवल लोगों की ख़ुशामद करके जीवका उपार्जित करना।
'''अर्थ'''- केवल लोगों की ख़ुशामद करके जीवका उपार्जित करना।


'''प्रयोग'''- उमेश ऐसा आदमी है जिसको जहाँ कुछ खाने-पीने को मिल जाए,  
'''प्रयोग'''- उमेश ऐसा आदमी है, जो मात्र ज़बान चलाने की रोटी खाता है।
वह उसी कि ख़ुशामद करने लगता है और इसी से वह अपना जीवन चला रहा है।  


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

Revision as of 13:19, 8 November 2015

ज़बान चलाने की रोटी खाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- केवल लोगों की ख़ुशामद करके जीवका उपार्जित करना।

प्रयोग- उमेश ऐसा आदमी है, जो मात्र ज़बान चलाने की रोटी खाता है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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