बहादुरशाह द्वितीय: Difference between revisions
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बहादुर शाह ज़फ़र का जन्म 24 अक्तूबर सन् 1775 | बहादुर शाह ज़फ़र का जन्म 24 अक्तूबर सन् 1775 ई. को [[दिल्ली]] में हुआ था। बहादुर शाह ज़फ़र [[मुग़ल साम्राज्य]] के अंतिम बादशाह थे। इनका शासनकाल 1837-58 तक था। बहादुर शाह ज़फ़र एक कवि, संगीतकार व खुशनवीस थे और राजनीतिक नेता के बजाय सौंदर्यानुरागी व्यक्ति अधिक थे। | ||
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बहादुर शाह [[अक़बर शाह द्वितीय]] और [[लालबाई]] के दूसरे पुत्र थे। अपने शासनकाल के अधिकांश समय उनके पास वास्तविक सत्ता नहीं रही और वह [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] पर आश्रित रहे। 1857-58 के भारतीय विद्रोह में वह कुछ समय के लिए और अनिच्छा से शामिल हुए। विद्रोह के दौरान [[मेरठ]] शहर से आई विद्रोही टुकड़ियों ने [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़ा कर लिया और बहादुर शाह को विद्रोह का नाममात्र का नेतृत्व स्वीकारने पर मजबूर किया। 82 वर्ष की उम्र में प्राणों के भय से वह मान गए। अंग्रज़ों द्वारा विद्रोह दबाए जाने पर उन्हें सपरिवार [[बर्मा]] निर्वासित कर दिया गया। | बहादुर शाह [[अक़बर शाह द्वितीय]] और [[लालबाई]] के दूसरे पुत्र थे। अपने शासनकाल के अधिकांश समय उनके पास वास्तविक सत्ता नहीं रही और वह [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] पर आश्रित रहे। 1857-58 के भारतीय विद्रोह में वह कुछ समय के लिए और अनिच्छा से शामिल हुए। विद्रोह के दौरान [[मेरठ]] शहर से आई विद्रोही टुकड़ियों ने [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़ा कर लिया और बहादुर शाह को विद्रोह का नाममात्र का नेतृत्व स्वीकारने पर मजबूर किया। 82 वर्ष की उम्र में प्राणों के भय से वह मान गए। अंग्रज़ों द्वारा विद्रोह दबाए जाने पर उन्हें सपरिवार [[बर्मा]] निर्वासित कर दिया गया। |
Revision as of 09:13, 25 August 2010
बहादुर शाह ज़फ़र का जन्म 24 अक्तूबर सन् 1775 ई. को दिल्ली में हुआ था। बहादुर शाह ज़फ़र मुग़ल साम्राज्य के अंतिम बादशाह थे। इनका शासनकाल 1837-58 तक था। बहादुर शाह ज़फ़र एक कवि, संगीतकार व खुशनवीस थे और राजनीतिक नेता के बजाय सौंदर्यानुरागी व्यक्ति अधिक थे।
शासनकाल
बहादुर शाह अक़बर शाह द्वितीय और लालबाई के दूसरे पुत्र थे। अपने शासनकाल के अधिकांश समय उनके पास वास्तविक सत्ता नहीं रही और वह अंग्रेज़ों पर आश्रित रहे। 1857-58 के भारतीय विद्रोह में वह कुछ समय के लिए और अनिच्छा से शामिल हुए। विद्रोह के दौरान मेरठ शहर से आई विद्रोही टुकड़ियों ने दिल्ली पर क़ब्ज़ा कर लिया और बहादुर शाह को विद्रोह का नाममात्र का नेतृत्व स्वीकारने पर मजबूर किया। 82 वर्ष की उम्र में प्राणों के भय से वह मान गए। अंग्रज़ों द्वारा विद्रोह दबाए जाने पर उन्हें सपरिवार बर्मा निर्वासित कर दिया गया।
मृत्यु
बहादुर शाह ज़फ़र की मृत्यु 7नवंबर 1862 को रंगून (वर्तमान यांगून ),बर्मा (वर्तमान म्यांमार) में हुई थीं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ