जो रहीम करबौ हुतो -रहीम: Difference between revisions

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हे [[कृष्ण|गोपाल]], [[ब्रज]] को छोड़कर यदि तुम्हें उसका यही हाल करना था, तो उसकी रक्षा करने के लिए अपने हाथ पर गोवर्धन पर्वत को क्यों उठा लिया था?<ref>प्रलय जैसी घनघोर वर्षा से व्रजवासियों को त्राण देने के लिए पर्वत को छत्र क्यों बना लिया था?</ref>


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Latest revision as of 09:19, 12 April 2018

जो ‘रहीम’ करबौ हुतो, ब्रज को इहै हवाल।
तो काहे कर पर धरयौ, गोवर्धन गोपाल॥

अर्थ

हे गोपाल, ब्रज को छोड़कर यदि तुम्हें उसका यही हाल करना था, तो उसकी रक्षा करने के लिए अपने हाथ पर गोवर्धन पर्वत को क्यों उठा लिया था?[1]


left|50px|link=जे ग़रीब सों हित करें -रहीम|पीछे जाएँ रहीम के दोहे right|50px|link=हरि रहीम ऐसी करी -रहीम|आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. प्रलय जैसी घनघोर वर्षा से व्रजवासियों को त्राण देने के लिए पर्वत को छत्र क्यों बना लिया था?

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