रहिमन रिस को छाँड़ि के -रहीम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('<div class="bgrahimdv"> ‘रहिमन’ रिस को छाँड़ि के, करौ गरीबी भेस ।<br /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
m (Text replacement - " गरीब" to " ग़रीब")
 
Line 1: Line 1:
<div class="bgrahimdv">
<div class="bgrahimdv">
‘रहिमन’ रिस को छाँड़ि के, करौ गरीबी भेस ।<br />
‘रहिमन’ रिस को छाँड़ि के, करौ ग़रीबी भेस ।<br />
मीठो बोलो, नै चलो, सबै तुम्हारी देस ॥
मीठो बोलो, नै चलो, सबै तुम्हारी देस ॥


;अर्थ
;अर्थ
क्रोध को छोड़ दो और गरीबों की रहनी रहो। मीठे वचन बोलो और नम्रता से चलो, अकड़कर नहीं। फिर तो सारा ही देश तुम्हारा है।
क्रोध को छोड़ दो और ग़रीबों की रहनी रहो। मीठे वचन बोलो और नम्रता से चलो, अकड़कर नहीं। फिर तो सारा ही देश तुम्हारा है।


{{लेख क्रम3| पिछला=रहिमन राज सराहिए -रहीम|मुख्य शीर्षक=रहीम के दोहे |अगला=रहिमन लाख भली करो -रहीम}}
{{लेख क्रम3| पिछला=रहिमन राज सराहिए -रहीम|मुख्य शीर्षक=रहीम के दोहे |अगला=रहिमन लाख भली करो -रहीम}}

Latest revision as of 09:16, 12 April 2018

‘रहिमन’ रिस को छाँड़ि के, करौ ग़रीबी भेस ।
मीठो बोलो, नै चलो, सबै तुम्हारी देस ॥

अर्थ

क्रोध को छोड़ दो और ग़रीबों की रहनी रहो। मीठे वचन बोलो और नम्रता से चलो, अकड़कर नहीं। फिर तो सारा ही देश तुम्हारा है।


left|50px|link=रहिमन राज सराहिए -रहीम|पीछे जाएँ रहीम के दोहे right|50px|link=रहिमन लाख भली करो -रहीम|आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख