जैत्र (रथ): Difference between revisions
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'''जैत्र''' [[हिन्दू]] पौराणिक [[ग्रंथ]] [[महाभारत]] के उल्लेखानुसार एक रथ का नाम था। | '''जैत्र''' [[हिन्दू]] पौराणिक [[ग्रंथ]] [[महाभारत]] के उल्लेखानुसार एक रथ का नाम था। | ||
[[महाभारत सभा पर्व]] के अनुसार ये परमानन्ददायक राजरथ है, जो कि रथों में श्रेष्ठ है [[युधिष्ठिर|धर्मराज युधिष्ठिर]] इस रथ को जुए में हार गये थे।<ref> | [[महाभारत सभा पर्व]] के अनुसार ये परमानन्ददायक राजरथ है, जो कि रथों में श्रेष्ठ है [[युधिष्ठिर|धर्मराज युधिष्ठिर]] इस रथ को जुए में हार गये थे।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=महाभारत सभा पर्व|अनुवादक=साहित्याचार्य पण्डित रामनारायणदत्त शास्त्री पाण्डेय 'राम'|आलोचक= |प्रकाशक=गीताप्रेस, गोरखपुर|संकलन=भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन=|पृष्ठ संख्या=6051|url=}} </ref> | ||
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चित्र:Disamb2.jpg जैत्र | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- जैत्र (बहुविकल्पी) |
जैत्र हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत के उल्लेखानुसार एक रथ का नाम था। महाभारत सभा पर्व के अनुसार ये परमानन्ददायक राजरथ है, जो कि रथों में श्रेष्ठ है धर्मराज युधिष्ठिर इस रथ को जुए में हार गये थे।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत सभा पर्व |अनुवादक: साहित्याचार्य पण्डित रामनारायणदत्त शास्त्री पाण्डेय 'राम' |प्रकाशक: गीताप्रेस, गोरखपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 6051 |
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