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-ब्यूरो ऑफ़ बजट
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-इनमें से कोई नहीं
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||[[ब्रिटेन]] में [[वित्त मंत्रालय]] को 'राजकोष विभाग' (Her Majesty's Treasury) कहते हैं तथा इस विभाग के प्रमुख (कैबिन मंत्री) को 'चांसलर ऑफ़ द एक्सचेकर' कहते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में इस पर जॉर्ज ओस्बर्न (12 मई,2010 से) हैं।
||[[ब्रिटेन]] में [[वित्त मंत्रालय]] को 'राजकोष विभाग' (Her Majesty's Treasury) कहते हैं तथा इस विभाग के प्रमुख (कैबिनेट मंत्री) को 'चांसलर ऑफ़ द एक्सचेकर' कहते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में इस पर जॉर्ज ओस्बर्न (12 मई, 2010 से) हैं।


 
{'लेक्चर्स ऑन दी प्रिंसिपल्स ऑफ़ पॉलिटिकल ऑब्लिगेशन' के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-201,प्रश्न-3
{'लेक्चर्स ऑन दी प्रिंसिपस ऑफ़ पॉलिटिकल ऑब्लिगेशन' के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-201,प्रश्न-3
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+टी.एच. ग्रीन
+टी.एच. ग्रीन
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-नगर राज्यों के विनाश का
-नगर राज्यों के विनाश का
-अभिभावक वर्ग द्वारा उत्पादन वर्ग की महिलाओं के शोषण का
-अभिभावक वर्ग द्वारा उत्पादन वर्ग की महिलाओं के शोषण का
+पात्नियों और संपत्ति के साम्यवाद का
+पत्नियों और संपत्ति के साम्यवाद का
||प्लेटो ने पत्नियों और संपत्ति के साम्यवाद का समर्थन किया है। प्लेटो ने साम्यवादी योजना को दो भागों, पहला संपत्ति का साम्यवाद तथा दूसरा परिवार अथवा स्त्रियों का साम्यवाद में विभाजित किया। प्लेटो शासकों और सैनिकों  के लिए संपत्ति व परिवार का निषेध करता है। यह शासक और सैनिक वर्गों को सामूहिक रूप से राज्य का अभिभावक मानता है, प्लेटो का मानना है कि यदि अभिभावक वर्ग के पास परिवार और संपत्ति होगी तो वे अपने कर्त्तव्य पथ से विचलित होंगे और आदर्श राज्य का विनाश होगा।
||प्लेटो ने पत्नियों और संपत्ति के साम्यवाद का समर्थन किया है। [[प्लेटो]] ने साम्यवादी योजना को दो भागों, पहला संपत्ति का साम्यवाद तथा दूसरा परिवार अथवा स्त्रियों का साम्यवाद में विभाजित किया। प्लेटो शासकों और सैनिकों  के लिए संपत्ति व परिवार का निषेध करता है। यह शासक और सैनिक वर्गों को सामूहिक रूप से राज्य का अभिभावक मानता है, प्लेटो का मानना है कि यदि अभिभावक वर्ग के पास परिवार और संपत्ति होगी तो वे अपने कर्त्तव्य पथ से विचलित होंगे और आदर्श राज्य का विनाश होगा।


{निम्न में से किसमें राज्य की उत्पत्ति के ऐतिहासिक सिद्धांत के तत्व पाए जाते हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-20,प्रश्न-23
{निम्न में से किसमें राज्य की उत्पत्ति के ऐतिहासिक सिद्धांत के तत्व पाए जाते हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-20,प्रश्न-23
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-राजतंत्र, बल, पारस्पतिक समझौते, राजनीतिक नेतृत्व
-राजतंत्र, बल, पारस्पतिक समझौते, राजनीतिक नेतृत्व
-रक्त संबंध, संविदात्मक समझौते, धर्म अराजकता
-रक्त संबंध, संविदात्मक समझौते, धर्म अराजकता
||राज्य की उत्पत्ति की सही व्याख्या ऐतिहासिक या विकासवादी सिद्धांत द्वारा ही की गई है। इस सिद्धांत के अनुसार, राज्य का विकास एक लंबे समय से चला आ रहा है और आदिकालीन समाज की क्रमिक विकास करते-करते इसने वर्तमान राष्ट्रीय राज्य के स्वरूप को प्राप्त किया है। राज्य के उत्पत्ति के ऐतिहासिक सिद्धांत के प्रमुख तत्व हैं- (1) रक्त संबंद्ध (2) मनुष्य  की स्वाभाविक सामाजिक प्रवृत्तियां, (3) [[धर्म]] (4) युद्ध (5) आर्थिक गतिविधियां, (6) राजनीतिक चेतना।
||राज्य की उत्पत्ति की सही व्याख्या ऐतिहासिक या विकासवादी सिद्धांत द्वारा ही की गई है। इस सिद्धांत के अनुसार, राज्य का विकास एक लंबे समय से चला आ रहा है और आदिकालीन समाज की क्रमिक विकास करते-करते इसने वर्तमान राष्ट्रीय राज्य के स्वरूप को प्राप्त किया है। राज्य के उत्पत्ति के ऐतिहासिक सिद्धांत के प्रमुख तत्व हैं- (1) रक्त संबंध (2) मनुष्य  की स्वाभाविक सामाजिक प्रवृत्तियां, (3) [[धर्म]] (4) युद्ध (5) आर्थिक गतिविधियां, (6) राजनीतिक चेतना।


{निम्नलिखित में से कौन लोकतंत्र का आवश्यक अभिलक्षण नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-46,प्रश्न-15
{निम्नलिखित में से कौन लोकतंत्र का आवश्यक अभिलक्षण नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-46,प्रश्न-15
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-बार्कर
-बार्कर
-ब्राइस
-ब्राइस
||"राजनीतिक संप्रभुता राज्य के उन प्रभावों का समूह है, जो कानून के पीछे रहती है।" यह कथन गिलक्राइस्ट का है। राजनीतिक विद्वानों ने वैधानिक प्रभुसत्ता तथा राजनीतिक प्रभुसत्ता में अंतर किया है। वैधानिक संप्रभुता वह है जिसके पास कानून निर्माण तथा उसे लागू करने की सर्वोच्च शक्ति होती है तथा यही सत्ता कानून को परिवर्तित या निरस्त कर सकते है। ब्रिटिश की [[संसद]] वैधानिक संप्रभुता का सर्वोत्तम उदाहरण है। इसकी सर्वशक्तिमत्ता के बारे में डायसी ने कहा है कि "यह किसी अवयस्क को वयस्क घोषित कर सकती है, राजद्रोही को मृत्यु के बाद भी ताड़ित कर सकती है, यह अवैध बच्चे को वैध बना सकती है। यदि यह उचित समझे तो किसे व्यक्ति को अपने मामले में न्यायधीश बना सकती है।" परंतु राजनीतिक संप्रभुता निर्वाचक मण्डल की शक्ति का द्योतक है यही संसद को बनाती है तथा उसे बदल सकती है। डायसी के शब्दों में "जिस संप्रभु को वकील लोग मानते हैं (विधिक संप्रभुता), उसके पीछे दूसरा संप्रभु रहता है। इस संप्रभु के पीछे वैधानिक संप्रभु को सिर झुकाना पड़ता है। जिस इच्छा को राज्य के नागरिक मानते हैं वही राजनीति संप्रभु है।"
||"राजनीतिक संप्रभुता राज्य के उन प्रभावों का समूह है, जो कानून के पीछे रहती है।" यह कथन गिलक्राइस्ट का है। राजनीतिक विद्वानों ने वैधानिक प्रभुसत्ता तथा राजनीतिक प्रभुसत्ता में अंतर किया है। वैधानिक संप्रभुता वह है जिसके पास कानून निर्माण तथा उसे लागू करने की सर्वोच्च शक्ति होती है तथा यही सत्ता कानून को परिवर्तित या निरस्त कर सकते है। ब्रिटिश की [[संसद]] वैधानिक संप्रभुता का सर्वोत्तम उदाहरण है। इसकी सर्वशक्तिमत्ता के बारे में डायसी ने कहा है कि "यह किसी अवयस्क को वयस्क घोषित कर सकती है, राजद्रोही को मृत्यु के बाद भी ताड़ित कर सकती है, यह अवैध बच्चे को वैध बना सकती है। यदि यह उचित समझे तो किसी व्यक्ति को अपने मामले में न्यायाधीश बना सकती है।" परंतु राजनीतिक संप्रभुता निर्वाचक मण्डल की शक्ति का द्योतक है यही संसद को बनाती है तथा उसे बदल सकती है। डायसी के शब्दों में "जिस संप्रभु को वकील लोग मानते हैं (विधिक संप्रभुता), उसके पीछे दूसरा संप्रभु रहता है। इस संप्रभु के पीछे वैधानिक संप्रभु को सिर झुकाना पड़ता है। जिस इच्छा को राज्य के नागरिक मानते हैं वही राजनीति संप्रभु है।"


{किसने कहा "आदमी के लिए युद्ध वही है जो औरत के लिए मातृत्व है"? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-42,प्रश्न-13
{किसने कहा "आदमी के लिए युद्ध वही है जो औरत के लिए मातृत्व है"? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-42,प्रश्न-13
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+जॉन ऑस्टिन को
+जॉन ऑस्टिन को
-ए.वी. डायसी को
-ए.वी. डायसी को
||जॉन ऑस्टिन के अनुसार "कानून उच्चतर द्वारा निम्नतर को दिया गया आदेश है।" या "कानून संप्रभु की आज्ञा (आदेश) है।" ऑस्टिन के कानून को इस परिभाषा में तीन तत्व निहित है- (i) संप्रभुता (ii) आदेश (समादेश) (iii) शास्ति-अर्थात संप्रभु के आदेश की अवहेलना करने वाले को दण्ड देने की शक्ति। इस प्रकार ऑस्टिन ने कानून को संप्रभु आदेश (समादेश) माना है। ऑस्टिन ने अपनी पुस्तक में संप्रभुता की एकलवदी अवधारणा का प्रतिपादन किया है।
||जॉन ऑस्टिन के अनुसार "कानून उच्चतर द्वारा निम्नतर को दिया गया आदेश है।" या "कानून संप्रभु की आज्ञा (आदेश) है।" ऑस्टिन के कानून को इस परिभाषा में तीन तत्व निहित है- (i) संप्रभुता (ii) आदेश (समादेश) (iii) शास्ति-अर्थात संप्रभु के आदेश की अवहेलना करने वाले को दण्ड देने की शक्ति। इस प्रकार ऑस्टिन ने कानून को संप्रभु आदेश (समादेश) माना है। ऑस्टिन ने अपनी पुस्तक में संप्रभुता की एकलवादी अवधारणा का प्रतिपादन किया है।


{ओम्बुड्समैन की संस्था सर्वप्रथम कहां स्थापित की गई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-191,प्रश्न-5
{ओम्बुड्समैन की संस्था सर्वप्रथम कहां स्थापित की गई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-191,प्रश्न-5

Revision as of 12:26, 13 December 2017

1 ब्रिटेन में वित्त मंत्रालय को कहते हैं- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-193, प्रश्न-6

राजकोष विभाग
वित्त विभाग
ब्यूरो ऑफ़ बजट
इनमें से कोई नहीं

2 'लेक्चर्स ऑन दी प्रिंसिपल्स ऑफ़ पॉलिटिकल ऑब्लिगेशन' के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-201,प्रश्न-3

टी.एच. ग्रीन
बोसांके
अरनाल्ड टायनबी
जे.एस. मिल

3 प्लेटो ने इनमें से किस विचार का समर्थन किया है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-8,प्रश्न-23

साम्राज्यवाद का
नगर राज्यों के विनाश का
अभिभावक वर्ग द्वारा उत्पादन वर्ग की महिलाओं के शोषण का
पत्नियों और संपत्ति के साम्यवाद का

4 निम्न में से किसमें राज्य की उत्पत्ति के ऐतिहासिक सिद्धांत के तत्व पाए जाते हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-20,प्रश्न-23

रक्त संबंध, धर्म, युद्ध, राजनीतिक चेतना
युद्ध, प्रथाएं, राजतंत्र, प्राकृतिक विधि के समावेश
राजतंत्र, बल, पारस्पतिक समझौते, राजनीतिक नेतृत्व
रक्त संबंध, संविदात्मक समझौते, धर्म अराजकता

5 निम्नलिखित में से कौन लोकतंत्र का आवश्यक अभिलक्षण नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-46,प्रश्न-15

न्यायपालिका, जवाबदेह होती है विधायिका के प्रति
न्यायपालिका स्वतंत्र होती है
प्रेस स्वतंत्र होता है
सार्वजनिक राय प्रकट करने की स्वतंत्रता होती है

6 "राजनीतिक संप्रभुता राज्य के उन प्रभावों का समूह है, जो कानून के पीछे रहती है। यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-22,प्रश्न-3

डायसी
गिलक्राइस्ट
बार्कर
ब्राइस

7 किसने कहा "आदमी के लिए युद्ध वही है जो औरत के लिए मातृत्व है"? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-42,प्रश्न-13

कार्ल मार्क्स
हीगल
मुसोलिनी
लेनिन

8 निम्नलिखित में से किसको 'कानून के समादेश सिद्धांत' (Command theory of low) का उन्नायक कहा जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-68,प्रश्न-24

जेरेमी बेंथम को
जॉ बोदडां को
जॉन ऑस्टिन को
ए.वी. डायसी को

9 ओम्बुड्समैन की संस्था सर्वप्रथम कहां स्थापित की गई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-191,प्रश्न-5

ऑस्ट्रेलिया में
नॉर्वे में
फिनलैंड में
स्वीडन में

10 वर्तमान समय में संवैधानिक राजतंत्र है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-199,प्रश्न-43

जर्मनी में
फ्रांस में
इंग्लैंड में
अमेरिका में

11 अमेरिकी संविधान द्वारा किसकी शक्तियां निश्चित कर दी गयी हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-193,प्रश्न-7

संघ की
राज्यों की
उपर्युक्त दोनों
उपर्युक्त में से कोई नहीं

12 'लॉ ऑफ़ दी कांस्टीट्यूशन' का प्रख्यात लेखक कौन है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-201,प्रश्न-4

ए.वी. डायसी
हरमन फाइनर
आर.जी. गेटेल
एफ. डब्ल्यू. विलोबी

13 "सबसे निकृष्ट राज्य भी सबसे उत्कृष्ट अराजकता से अच्छा है।" यह मत किसने व्यक्त किया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-8,प्रश्न-26

हीगल
रूसो
लॉक
हॉब्स

14 'राज्य की उत्पत्ति का दैवी सिद्धांत' कितने प्रतिपादित किया था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-20,प्रश्न-24

कार्ल मार्क्स ने
गिल क्राइस्ट ने
जेम्स प्रथम ने
एच.जे. लास्की ने

15 राजनीतिक समानता की सर्वश्रेष्ठ गांरटी है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-47,प्रश्न-16

लोकतंत्र में
तानाशाही में
अल्पतंत्र में
अभिजाततंत्र में

16 "वैधानिक संप्रभुता के पीछे एक राजनीतिक संप्रभु की खोज की कोशिश संप्रभुता की समूची धारणा को खत्म कर देती है और संप्रभुता को प्रभावों की सूचीमात्र बना देती है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-23,प्रश्न-4

डायसी
गिलक्राइस्ट
लीकॉक
गेटेल

17 "मेरा प्रोग्राम (कार्यक्रम) कार्य है बात नही" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-42,प्रश्न-14

मार्क्स
स्टालिन
मुसोलिनी
गांधी

18 "कानून संप्रभु का आदेश है।" यह किसका कथन है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-68,प्रश्न-25

जॉन ऑस्टिन का
सालमंड का
हालैंड का
ग्रीन का

19 ओम्बुड्समैन की अवधारणा का प्रारम्भ हुआ- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-191,प्रश्न-6

फिनलैंड में
स्वीडन में
नॉर्वे में
इंग्लैंड में

20 बहुत कार्यपालिका पायी जाती है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-200,प्रश्न-44

अमेरिका में
भारत में
अनाडा में
स्विट्जरलैंड में

21 कौन-सा विचारक संविधान एवं संविधानवाद में अंतर नहीं मानता? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-193,प्रश्न-8

ब्लैकस्टोन
लासवेल
सी.एफ.स्ट्रांग
के.सी. व्हीयर