कश्मीर की घाटी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
Line 4: Line 4:
जलवायु की दृष्टि से यहाँ लगभग 750 मिमी वार्षिक वर्षा होती है। कुछ तो ग्रीष्म कालीन मानसूनी हवाओं से और कुछ शीत ­ऋतु में कम दाब की प्रणाली से सम्बद्ध हवाओं से होती है। अक्सर हिमपात का साथ वर्षा और ओले देते हैं। ऊँचाई के कारण तापमान काफ़ी परिवर्तित हो जाता है। [[श्रीनगर]] में न्यूनतम औसत तापमान जनवरी में 2 डिग्री से. होता है और अधिकतम औसत तापमान जुलाई में 31 डिग्री से. तक रहता है। 2,134 मीटर की ऊँचाई तक जटिल और स्थलाकृति की दृष्टि से विशाल वृहद [[हिमालय]] में 6,096 मीटर से अधिक तक ऊँचाई वाली कुछ पर्वत श्रेणियाँ हैं, जिनके बीच-बीच में बहुत गहरी घाटियाँ हैं। अभिनूतन (प्लीस्टोसीन) युग में यह क्षेत्र भारी ग्लेशियरों के अंतर्गत आता था और ग्लेशियरों के अवशेष व हिमक्षेत्र रहे होने के चिह्न अभी भी यहाँ मौजूद हैं। इस प्रक्षेत्र में गर्मी के महीनों में दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी हवाओं से कुछ वर्षा होती है। इसके निचले ढलान वनाच्छादित हैं, लेकिन हिमालय एक जलवायु विभाजक जैसा है। इस ओर भारतीय उपमहाद्वीप की मानसूनी जलवायु है और दूसरी ओर मध्य एशिया की शुष्क महाद्वीपीय जलवायु।  
जलवायु की दृष्टि से यहाँ लगभग 750 मिमी वार्षिक वर्षा होती है। कुछ तो ग्रीष्म कालीन मानसूनी हवाओं से और कुछ शीत ­ऋतु में कम दाब की प्रणाली से सम्बद्ध हवाओं से होती है। अक्सर हिमपात का साथ वर्षा और ओले देते हैं। ऊँचाई के कारण तापमान काफ़ी परिवर्तित हो जाता है। [[श्रीनगर]] में न्यूनतम औसत तापमान जनवरी में 2 डिग्री से. होता है और अधिकतम औसत तापमान जुलाई में 31 डिग्री से. तक रहता है। 2,134 मीटर की ऊँचाई तक जटिल और स्थलाकृति की दृष्टि से विशाल वृहद [[हिमालय]] में 6,096 मीटर से अधिक तक ऊँचाई वाली कुछ पर्वत श्रेणियाँ हैं, जिनके बीच-बीच में बहुत गहरी घाटियाँ हैं। अभिनूतन (प्लीस्टोसीन) युग में यह क्षेत्र भारी ग्लेशियरों के अंतर्गत आता था और ग्लेशियरों के अवशेष व हिमक्षेत्र रहे होने के चिह्न अभी भी यहाँ मौजूद हैं। इस प्रक्षेत्र में गर्मी के महीनों में दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी हवाओं से कुछ वर्षा होती है। इसके निचले ढलान वनाच्छादित हैं, लेकिन हिमालय एक जलवायु विभाजक जैसा है। इस ओर भारतीय उपमहाद्वीप की मानसूनी जलवायु है और दूसरी ओर मध्य एशिया की शुष्क महाद्वीपीय जलवायु।  


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=
|आधार=

Revision as of 11:48, 10 January 2011

thumb|220px|कश्मीर की घाटी
Kashmir Valley
कश्मीर की घाटी का एक गहरा तथा विषम बेसिन है, जो पीर पंजाल और विशाल हिमालय पर्वत श्रेणी के पश्चिम छोर के बीच में स्थित औसतन 1,600 मीटर की ऊँचाई वाली है। अभिनूतन (प्लीस्टोसीन) युग के दौरान यह कभी करेवा झील की तलहटी थी। अब यह ऊपरी झेलम नदी के द्वारा जमा की गई तलछट और जलोढ़ मिट्टी से भरी हुई है। मिट्टी और पानी की स्थितियों में उल्लेखनीय विविधता है।

भौगोलिक स्थिति

जलवायु की दृष्टि से यहाँ लगभग 750 मिमी वार्षिक वर्षा होती है। कुछ तो ग्रीष्म कालीन मानसूनी हवाओं से और कुछ शीत ­ऋतु में कम दाब की प्रणाली से सम्बद्ध हवाओं से होती है। अक्सर हिमपात का साथ वर्षा और ओले देते हैं। ऊँचाई के कारण तापमान काफ़ी परिवर्तित हो जाता है। श्रीनगर में न्यूनतम औसत तापमान जनवरी में 2 डिग्री से. होता है और अधिकतम औसत तापमान जुलाई में 31 डिग्री से. तक रहता है। 2,134 मीटर की ऊँचाई तक जटिल और स्थलाकृति की दृष्टि से विशाल वृहद हिमालय में 6,096 मीटर से अधिक तक ऊँचाई वाली कुछ पर्वत श्रेणियाँ हैं, जिनके बीच-बीच में बहुत गहरी घाटियाँ हैं। अभिनूतन (प्लीस्टोसीन) युग में यह क्षेत्र भारी ग्लेशियरों के अंतर्गत आता था और ग्लेशियरों के अवशेष व हिमक्षेत्र रहे होने के चिह्न अभी भी यहाँ मौजूद हैं। इस प्रक्षेत्र में गर्मी के महीनों में दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी हवाओं से कुछ वर्षा होती है। इसके निचले ढलान वनाच्छादित हैं, लेकिन हिमालय एक जलवायु विभाजक जैसा है। इस ओर भारतीय उपमहाद्वीप की मानसूनी जलवायु है और दूसरी ओर मध्य एशिया की शुष्क महाद्वीपीय जलवायु।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध