एन. गोपालस्वामी: Difference between revisions

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देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी (N. Gopalaswami) को उस अधिकार-प्राप्त विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता सौंपी गई है जिसका गठन देश की 20 उच्च शिक्षण संस्थाओं का चयन करने के लिए फरवरी 2018 के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने किया है। उक्त घोषणा मंत्रालय ने 20 फरवरी 2018 को की।<ref>{{cite web |url=https://www.nirdeshak.com/read-blog/1091_23-24_फरवरी_2018_करेण्ट_अफेयर्स.html|title=23-24 फरवरी 2018 करेण्ट अफेयर्स|accessmonthday=22 मई |accessyear=2019 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=आज तक |language=हिंदी }} </ref>
देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी (N. Gopalaswami) को उस अधिकार-प्राप्त विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता सौंपी गई है जिसका गठन देश की 20 उच्च शिक्षण संस्थाओं का चयन करने के लिए फरवरी 2018 के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने किया है। उक्त घोषणा मंत्रालय ने 20 फरवरी 2018 को की।<ref>{{cite web |url=https://www.nirdeshak.com/read-blog/1091_23-24_फरवरी_2018_करेण्ट_अफेयर्स.html|title=23-24 फरवरी 2018 करेण्ट अफेयर्स|accessmonthday=22 मई |accessyear=2019 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=आज तक |language=हिंदी }} </ref>
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Revision as of 14:49, 22 May 2019

एन गोपालस्वामी 15वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे। एन गोपालस्वामी मुख्य चुनाव आयुक्त रहते हुए उस समय चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने अपने अधीन चुनाव आयुक्त नवीन चावला को आयोग हटाने की सिफारिश कर दी थी। उनका आरोप था नवीन एक पार्टी विशेष को लेकर निष्पक्ष नहीं थे। हालांकि केंद्र सरकार ने गोपालस्वामी की सिफारिशों को दरकिनार करते हुए नवीन चावला को देश का 16वां मुख्य चुनाव आयुक्त बना दिया था। वर्ष 2014 में उन्हें कला क्षेत्र के शासी मंडल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वर्ष 2015 में उन्हें पद्म भूषण मिला। वह पांच सालों के लिए राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के कुलाधिपति भी नियुक्त हुए।

कार्यकाल

एन गोपालस्वामी का कार्यकाल 30 जून 2006 से 20 अप्रैल 2009 तक रहा।

व्यक्तित्व

एन गोपालस्वामी को व्यापक तौर पर आदर्श प्रशासनिक अधिकारी माना जाता था जो नियमों के पाबंद थे। 1966 बैच के गुजरात काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी रहे हैं। वह कई शीर्ष स्तर के पदों पर रहे हैं जिनमें गुजरात कम्युनिकेशन ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, गुजरात इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में सदस्य (प्रशासन और खरीद), तकनीकी शिक्षा में सरकार के सचिव (विज्ञान एवं तकनीक) और राजस्व विभाग के सचिव जैसे पद शामिल हैं। दिल्ली में वह 1992 और 2004 के बीच रहे जब वह केंद्रीय गृह सचिव थे और उससे पहले संस्कृति विभाग में सचिव और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में महासचिव थे। उनके समकालीन लोग उन्हें व्यवस्था को चुनौती देने वाले व्यक्ति के बजाय अत्यधिक धार्मिक बताते हैं। हालांकि उनमें कुछ असामान्यता भी दिखी।[1]

देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी (N. Gopalaswami) को उस अधिकार-प्राप्त विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता सौंपी गई है जिसका गठन देश की 20 उच्च शिक्षण संस्थाओं का चयन करने के लिए फरवरी 2018 के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने किया है। उक्त घोषणा मंत्रालय ने 20 फरवरी 2018 को की।[2]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. किन नियमों पर प्रतिबद्ध हैं गोपालस्वामी (हिंदी) बिज़नेस स्टैंडर्ड। अभिगमन तिथि: 22 मई, 2019।
  2. 23-24 फरवरी 2018 करेण्ट अफेयर्स (हिंदी) आज तक। अभिगमन तिथि: 22 मई, 2019।

बाहरी कड़ियाँ

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