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बाड़मेर | बाड़मेर ऊँट, भेड़, ऊन व नमक का बाज़ार है। | ||
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यहाँ के हस्तशिल्प उत्पादों में चक्की के पाट, | यहाँ के हस्तशिल्प उत्पादों में चक्की के पाट, ऊँट की काठी तथा चमड़े के थैले शामिल हैं। | ||
==स्वास्थ्य और शिक्षा== | ==स्वास्थ्य और शिक्षा== | ||
नगर में एक वेधशाला, एक अस्पताल और राजस्थान विश्वविधालय से संबद्ध एक सरकारी महाविद्यालय स्थित है। | नगर में एक वेधशाला, एक अस्पताल और राजस्थान विश्वविधालय से संबद्ध एक सरकारी महाविद्यालय स्थित है। | ||
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==कृषि== | ==कृषि== | ||
बाजरा यहाँ की मुख्य फ़सल है। गाय, बैल, घोड़ा | बाजरा यहाँ की मुख्य फ़सल है। गाय, बैल, घोड़ा ऊँट, भेड़ और बकरी पालन इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। | ||
==जनसंख्या== | ==जनसंख्या== | ||
2001 की जनगणना के अनुसार नगर की कुल जनसंख्या 83,517 और ज़िले की कुल जनसंख्या 19,63,758 है। | 2001 की जनगणना के अनुसार नगर की कुल जनसंख्या 83,517 और ज़िले की कुल जनसंख्या 19,63,758 है। |
Revision as of 04:28, 16 December 2010
स्थिति
सुदूर पश्चिमी भारत पश्चिमी राजस्थान राज्य का ज़िला और नगर है।
इतिहास
चट्टानी पहाड़ी शीर्ष पर एक दुर्ग वाले इस शहर के बारे में कहा जाता है कि 13वीं शताब्दी में इसकी स्थापना की गई थी, जब एक स्थानीय राजा के नाम पर इसका नामकरण बहदमेर (बहद का पहाड़ी क़िला) किया गया था। इसके बाद यह नाम छोटा होकर बाड़मेर हो गया। यह शहर जोधपुर से पाकिस्तान सीमा और आगे हैदराबाद तक जाने वाले रेलमार्ग पर स्थित है।
व्यापार और उद्योग
बाड़मेर ऊँट, भेड़, ऊन व नमक का बाज़ार है।
हस्तशिल्प
यहाँ के हस्तशिल्प उत्पादों में चक्की के पाट, ऊँट की काठी तथा चमड़े के थैले शामिल हैं।
स्वास्थ्य और शिक्षा
नगर में एक वेधशाला, एक अस्पताल और राजस्थान विश्वविधालय से संबद्ध एक सरकारी महाविद्यालय स्थित है।
सिंचाई
बाड़मेर का इलाक़ा पहले जोधपुर रियासत के मल्लानी ज़िले में पड़ता था, जो थार मरुभूमि के रेतीले मैदान का एक हिस्सा था, जिसमें सिर्फ़ दक्षिण की ओर लूनी नदी के रूप में जलस्त्रोत मौजूद था। सिंचाई का मुख्य साधन गहरे कुएं हैं।
कृषि
बाजरा यहाँ की मुख्य फ़सल है। गाय, बैल, घोड़ा ऊँट, भेड़ और बकरी पालन इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार नगर की कुल जनसंख्या 83,517 और ज़िले की कुल जनसंख्या 19,63,758 है।