पार्थिया: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 4: | Line 4: | ||
*इन भाइयों ने धीरे—धीरे पार्थियन राज्य की शक्ति को बहुत बढ़ा लिया, और कुछ समय बाद सम्पूर्ण [[ईरान]] उनकी अधीनता में आ गया। | *इन भाइयों ने धीरे—धीरे पार्थियन राज्य की शक्ति को बहुत बढ़ा लिया, और कुछ समय बाद सम्पूर्ण [[ईरान]] उनकी अधीनता में आ गया। | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार=आधार1 | |आधार=आधार1 | ||
Line 16: | Line 13: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
[[Category:विदेशी_स्थान]] | [[Category:विदेशी_स्थान]] | ||
[[Category:इतिहास_कोश]] | [[Category:इतिहास_कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 09:53, 31 October 2010
- बैक्ट्रिया के पश्चिम और कैस्पियन सागर के दक्षिण पूर्व में पार्थिया का प्रदेश था, जिसके निवासी जातीय दृष्टि से ग्रीक लोगों से सर्वथा भिन्न थे।
- सीरियन साम्राज्य की निर्बलता से लाभ उठाकर उन्होंने विद्रोह कर दिया और 248 ई. पू. के लगभग स्वतंत्र पार्थियन राज्य की स्थापना हुई।
- पार्थियन लोगों के इस विद्रोह के नेता अरसक और तिरिदात नामक दो भाई थे।
- इन भाइयों ने धीरे—धीरे पार्थियन राज्य की शक्ति को बहुत बढ़ा लिया, और कुछ समय बाद सम्पूर्ण ईरान उनकी अधीनता में आ गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ