मगहर: Difference between revisions
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भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग को बेहिचक सन्तों की कर्मभूमि कहा जा सकता है । इसी भाग के प्रमुख शहर गोरखपुर के पश्चिम में लगभग तीस किलोमीटर दूर संत कबीर नगर जिला (5 सितम्बर 1997 में बस्ती जिला को तोड़ कर बना) में स्थित है मगहर । मगहर नाम के पीछे किंवदन्ती भी रोचक है । कहा जाता है कि प्राचीन काल में बौध्द भिक्षु इसी मार्ग से कपिलवस्तु, लुम्बिनी जैसे प्रसिध्द बौध्द स्थलों के दर्शन हेतु जाते थे पर अक्सर लूट लिए जाते थे । इस असुरक्षित रहे क्षेत्र का नाम इसी वजह से ' | भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग को बेहिचक सन्तों की कर्मभूमि कहा जा सकता है । इसी भाग के प्रमुख शहर गोरखपुर के पश्चिम में लगभग तीस किलोमीटर दूर संत कबीर नगर जिला (5 सितम्बर 1997 में बस्ती जिला को तोड़ कर बना) में स्थित है मगहर । मगहर नाम के पीछे किंवदन्ती भी रोचक है । कहा जाता है कि प्राचीन काल में बौध्द भिक्षु इसी मार्ग से कपिलवस्तु, लुम्बिनी जैसे प्रसिध्द बौध्द स्थलों के दर्शन हेतु जाते थे पर अक्सर लूट लिए जाते थे । इस असुरक्षित रहे क्षेत्र का नाम इसी वजह से 'मार्ग-हर' अर्थात 'मार्ग में लूटने वाले से' पङ ग़या जो बिगड़ते-बिगडते मगहर हो गया । | ||
==मगहर और कबीर== | ==मगहर और कबीर== | ||
Revision as of 13:16, 16 October 2010
नाम की उत्पत्ति
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग को बेहिचक सन्तों की कर्मभूमि कहा जा सकता है । इसी भाग के प्रमुख शहर गोरखपुर के पश्चिम में लगभग तीस किलोमीटर दूर संत कबीर नगर जिला (5 सितम्बर 1997 में बस्ती जिला को तोड़ कर बना) में स्थित है मगहर । मगहर नाम के पीछे किंवदन्ती भी रोचक है । कहा जाता है कि प्राचीन काल में बौध्द भिक्षु इसी मार्ग से कपिलवस्तु, लुम्बिनी जैसे प्रसिध्द बौध्द स्थलों के दर्शन हेतु जाते थे पर अक्सर लूट लिए जाते थे । इस असुरक्षित रहे क्षेत्र का नाम इसी वजह से 'मार्ग-हर' अर्थात 'मार्ग में लूटने वाले से' पङ ग़या जो बिगड़ते-बिगडते मगहर हो गया ।