ब्रह्मलोक: Difference between revisions
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Revision as of 06:18, 2 November 2010
- हिन्दू और बौद्ध धर्म में ब्रह्मांड में वह क्षेत्र, जहाँ दिव्य आत्माएं निवास करती है, थेरवादी बौद्ध धर्म में ब्रह्मलोक में 20 अलग- अलग स्वर्ग शामिल हैं।
- निचले 16 भौतिकतावादी विश्व (रुप-ब्रह्मलोक) में क्रमशः अधिक कांतिमय और सूक्ष्य देवता रहते हैं।
- शेष चार ऊपरी क्षेत्र पदार्थ और स्वरुप विहीन हैं।
- इन्हें अरुप बह्मलोक माना जाता है, थेरवादी बौद्ध मानते हैं कि बह्मलोक में पुनर्जन्म उस व्यक्ति के लिए पुरस्कार है जिसने ध्यान के साथ-साथ उच्च गुणों का मेल किया है।
- किसी व्यक्ति द्धारा प्राप्त वास्तविक स्तर का निर्धारण बुद्ध धर्म (शिक्षा) और संध (धार्मिक समुदाय) के प्रति उसकी आज्ञाकारिता तथा ब्रह्मांड की वास्तविक निराकार प्रकृति में उसकी अंतर्दृष्टि की गहराई से किया जाता है।
- थेरवादी ब्रह्मांड ज्ञान के अन्य संसार में ब्रह्मालोक में निरंतर परिवर्तन, विनाश और पुनर्सृजन होता रहता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ