कहावत लोकोक्ति मुहावरे-फ: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "नाराज" to "नाराज़") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "नुकसान" to "नुक़सान") |
||
Line 9: | Line 9: | ||
1- फलूदा खाते दाँत टूटें तो टूटें। | 1- फलूदा खाते दाँत टूटें तो टूटें। | ||
| style="width:70%"| | | style="width:70%"| | ||
अर्थ - स्वाद के लिए | अर्थ - स्वाद के लिए नुक़सान भी मंजूर है। | ||
|- | |- | ||
|2- फिसल पड़े तो हर गंगा। | |2- फिसल पड़े तो हर गंगा। |
Revision as of 13:43, 26 January 2011
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
---|---|
1- फलूदा खाते दाँत टूटें तो टूटें। |
अर्थ - स्वाद के लिए नुक़सान भी मंजूर है। |
2- फिसल पड़े तो हर गंगा। |
अर्थ - काम बिगड़ जाने पर कहना कि मैंने स्वयं चाहा था। |
3- फुई-फुई करके तालाब भरता है। |
अर्थ - थोड़ा-थोड़ा जमा करते –करते ढेर हो जाता है। |
4- फावड़ा चलाना। |
अर्थ - मेहनत का काम करना। |
5- फूलकर कुप्पा होना। |
अर्थ - बहुत खुश या नाराज़ होना। |
6- फूल झड़ना। |
अर्थ - प्रिय वचन बोलना। |