कडलूर: Difference between revisions

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आधुनिक [[तमिलनाडु]] की राजधानी [[चेन्नई]] के दक्षिण में 163 किमी. दूर अवस्थित कडलूर ने मध्यकाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  
आधुनिक [[तमिलनाडु]] की राजधानी [[चेन्नई]] के दक्षिण में 163 किमी. दूर अवस्थित कडलूर ने मध्यकाल में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।  
==इतिहास==
==इतिहास==
ऐतिहासिक जानकारी से यह विदित होता है कि यहाँ कभी दुर्ग रहा होगा। मुग़लों की ओर से यह भू-भाग 17वीं शताब्दी के प्रारम्भ में फ़्रांसीसियों को दिया गया था फिर कुछ समय यह मराठों के अधिकार में रहा। 1682 ई. में ब्रिटिश [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] द्धारा मराठों से व्यापारिक अधिकार हासिल करने के बाद प्राचीन बन्दरगाह कडलूर का तेजी से विकास हुआ लेकिन बाद में चेन्नई के विस्तार के साथ कडलूर गौण हो गया। मध्य काल में कडलूर से पूरे विश्व में वस्त्रों का निर्यात होता था। कडलूर से कुछ ही दूरी पर स्थित फोर्टसेंट डेविड दुर्ग है। यहाँ ब्रिटिश कम्पनी का एक सुदृढ़ गोदाम आज भी मौजूद है। ऐतिहासिक दृष्टि से फोर्ट सेंट डेविड ने 16वीं शताब्दी में आंग्ल-फ़्रांसीसी संघर्ष के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।  
ऐतिहासिक जानकारी से यह विदित होता है कि यहाँ कभी दुर्ग रहा होगा। मुग़लों की ओर से यह भू-भाग 17वीं शताब्दी के प्रारम्भ में फ़्रांसीसियों को दिया गया था फिर कुछ समय यह मराठों के अधिकार में रहा। 1682 ई. में ब्रिटिश [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] द्धारा मराठों से व्यापारिक अधिकार हासिल करने के बाद प्राचीन बन्दरगाह कडलूर का तेजी से विकास हुआ लेकिन बाद में चेन्नई के विस्तार के साथ कडलूर गौण हो गया। मध्य काल में कडलूर से पूरे विश्व में वस्त्रों का निर्यात होता था। कडलूर से कुछ ही दूरी पर स्थित फोर्टसेंट डेविड दुर्ग है। यहाँ ब्रिटिश कम्पनी का एक सुदृढ़ गोदाम आज भी मौजूद है। ऐतिहासिक दृष्टि से फोर्ट सेंट डेविड ने 16वीं शताब्दी में आंग्ल-फ़्रांसीसी संघर्ष के दौरान महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।  





Revision as of 13:24, 4 January 2011

आधुनिक तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के दक्षिण में 163 किमी. दूर अवस्थित कडलूर ने मध्यकाल में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इतिहास

ऐतिहासिक जानकारी से यह विदित होता है कि यहाँ कभी दुर्ग रहा होगा। मुग़लों की ओर से यह भू-भाग 17वीं शताब्दी के प्रारम्भ में फ़्रांसीसियों को दिया गया था फिर कुछ समय यह मराठों के अधिकार में रहा। 1682 ई. में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी द्धारा मराठों से व्यापारिक अधिकार हासिल करने के बाद प्राचीन बन्दरगाह कडलूर का तेजी से विकास हुआ लेकिन बाद में चेन्नई के विस्तार के साथ कडलूर गौण हो गया। मध्य काल में कडलूर से पूरे विश्व में वस्त्रों का निर्यात होता था। कडलूर से कुछ ही दूरी पर स्थित फोर्टसेंट डेविड दुर्ग है। यहाँ ब्रिटिश कम्पनी का एक सुदृढ़ गोदाम आज भी मौजूद है। ऐतिहासिक दृष्टि से फोर्ट सेंट डेविड ने 16वीं शताब्दी में आंग्ल-फ़्रांसीसी संघर्ष के दौरान महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।


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