प्रकाश: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Light) हमारी दृष्टि की अनुभूति जिस बाह्म भौतिक कारण के द्वारा होती है, उसे हम प्रकाश कहते हैं। अतः प्रकाश एक प्रकार का साधन है, जिसके सहारे [[आँख]] वाले लोग किसी वस्तु को देखने हैं। जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता है, तब उस वस्तु से प्रकाश टकराकर देखने वालें की आँख पर पड़ता है, जिससे व्यक्तिउस वस्तु को देख लेता है। वास्तव में प्रकाश एक प्रकार की [[ऊर्जा]] है, जो [[विद्युत]] चुम्बकिय [[तरंगें|तरंगों]] के रूप में संचरित होती है। | ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Light) हमारी दृष्टि की अनुभूति जिस बाह्म भौतिक कारण के द्वारा होती है, उसे हम प्रकाश कहते हैं। अतः प्रकाश एक प्रकार का साधन है, जिसके सहारे [[आँख]] वाले लोग किसी वस्तु को देखने हैं। जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता है, तब उस वस्तु से प्रकाश टकराकर देखने वालें की आँख पर पड़ता है, जिससे व्यक्तिउस वस्तु को देख लेता है। वास्तव में प्रकाश एक प्रकार की [[ऊर्जा]] है, जो [[विद्युत]] चुम्बकिय [[तरंगें|तरंगों]] के रूप में संचरित होती है। | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= |
Revision as of 12:53, 10 January 2011
(अंग्रेज़ी:Light) हमारी दृष्टि की अनुभूति जिस बाह्म भौतिक कारण के द्वारा होती है, उसे हम प्रकाश कहते हैं। अतः प्रकाश एक प्रकार का साधन है, जिसके सहारे आँख वाले लोग किसी वस्तु को देखने हैं। जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता है, तब उस वस्तु से प्रकाश टकराकर देखने वालें की आँख पर पड़ता है, जिससे व्यक्तिउस वस्तु को देख लेता है। वास्तव में प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है, जो विद्युत चुम्बकिय तरंगों के रूप में संचरित होती है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ