बिलासपुर हिमाचल प्रदेश: Difference between revisions
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बिलासपुर नगर, कहलूर भी कहलाता है। यह दक्षिणी हिमाचल प्रदेश राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में है। यह नगर, राज्य की राजधानी शिमला के पश्चिमोत्तर में एक कृत्रिम झील गोविंदसागर के समीप स्थित है।
इतिहास
गु्रखों के अतिक्रमण से पहले 1894 तक बिलासपुर स्वतंत्र पंजाब हिल स्टेट की राजधानी था। ब्रिटिश सेना ने गुरखों को अगले ही वर्ष वहाँ से खदेड़ दिया था। पुराने महल और एक प्रसिद्ध मंदिर समेत लगभग पूरा नगर गोविंदसागर में जलमग्न हो गया था। 1950 के दशक के कुछ बाद नए नगर का निर्माण किया गया था।
बिलासपुर ज़िले का मुख्य नगर, जिसकी नींव राजा दीपचंद्र ने 1653 ई. में रखी थी। उन्होंने महाभारत कार महर्षि व्यास की स्मृति में इस नगर को बसाया था और इसका मूल नाम व्यासपुर ही रखा था जो बिगड़कर विलासपुर बन गया है। किंवदंती है कि वेदव्यास ने इस स्थान के पास एक गुफा में तपस्या की थी। सतलज के वामतट पर एक पहाड़ी के नीचे व्यासगुफा अब तक स्थित है। मार्कंडेय का आश्रम भी यहाँ से चार मील दूर है। कहते है कि दोनों ॠषि एक सुरंग द्वारा परस्पर मिलने आते-जाते थे।
कृषि और खनिज
यहाँ गेहूँ, मक्का और चावल की पैदावार होती है।
उद्योग और व्यापार
यह गेहूँ, मक्का और चावल की स्थानीय पैदावार का एक व्यावसायिक केन्द्र है।
जनसंख्या
बिलासपुर नगर की जनसंख्या (2001 की जनगणना के अनुसार) 13,058 है। विलासपुर ज़िले की कुल जनसंख्या 3,40,735 है।
पर्यटन
बिलासपुर नगर के पास कई मंदिर स्थापित है- रवानम, रवेनसर, रद्युनाथ, मुरली मनोहर और काकरी। जनश्रुति है कि इन्हें पाडंवों ने बनवाया था।
नैना देवी
पहाड़ी की चोटी पर नैना देवी मंदिर है जिसे राजा वीरचंद (697-780 ई.) ने बनवाया था। यह मंदिर बिलासपुर रोपड़ से 50 मील और शिमला से 37 मील दूर है। यूरोपीय यात्री विग्ने ने 1838 ई. में इस नगर के सौंदर्य तथा वैभव के बारे में अपने संस्मरण लिखे थे। प्राचीन बिलासपुर भाकरा-नगल बाँध के कारण अब जलमग्न हो चुका है।
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