मुद्राराक्षस ग्रंथ: Difference between revisions
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Revision as of 13:23, 10 January 2011
- चौथी शती का उत्तरार्द्ध एवं पांचवी शती ई. के पूर्वार्द्ध में विशाखदत्त द्वारा रचित इस ग्रंथ से चन्द्रगुप्त मौर्य एवं उनके गुरु चाणक्य के विषय में और साथ ही नंद वंश के पतन एवं मौर्य वंश की स्थापना के इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है।
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