मेंहदी: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 15: | Line 15: | ||
==श्रृंगार== | ==श्रृंगार== | ||
मेंहदी सोलह श्रृंगारों में से एक है। यह ना केवल सौंन्दर्य बढ़ाती है बल्कि इसके लगाने के पीछे तथ्य यह है कि मेंहदी की तासीर ठण्डी होती है और हाथों में मेंहदी लगाए जाने का उद्देश्य अपने धैर्य और शांति को बनाए रखने का प्रतीक माना जा सकता है। आज मेंहदी का प्रयोग ना केवल हाथों में होता है बल्कि पैरों में भी शौक के रूप में इसे लगाया जाता है जो एक अच्छा संकेत है। | मेंहदी सोलह श्रृंगारों में से एक है। यह ना केवल सौंन्दर्य बढ़ाती है बल्कि इसके लगाने के पीछे तथ्य यह है कि मेंहदी की तासीर ठण्डी होती है और हाथों में मेंहदी लगाए जाने का उद्देश्य अपने धैर्य और शांति को बनाए रखने का प्रतीक माना जा सकता है। आज मेंहदी का प्रयोग ना केवल हाथों में होता है बल्कि पैरों में भी शौक के रूप में इसे लगाया जाता है जो एक अच्छा संकेत है। | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
|प्रारम्भिक= | |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | ||
|माध्यमिक= | |माध्यमिक= | ||
|पूर्णता= | |पूर्णता= |
Revision as of 11:21, 29 January 2011
[[चित्र:Indian-Mehndi.jpg|thumb|250px|मेंहदी
Mehndi]]
मेंहदी का इस्तेमाल गर्मी में ठंडक देने के लिए किया जाता है। कुछ लोग विशेषकर बूढे़ अपने सफ़ेद बालों में मेंहदी लगाकर बालों को सुनहरे बनाने की कोशिश करते हैं। इससे दिमाग में ठंडक मिलती है। मेंहदी के पेड़ सदाबहार झाड़ियों के रूप में पाये जाते हैं। महिलाएँ इसका प्रयोग श्रृंगार शोभा को बढ़ाने के लिए करती हैं। यही कारण है कि यह बहुत विश्वसनीय है। मेंहदी की पत्तियों को सुखाकर बनाया पाउडर बाज़ार में कम कीमत पर आसानी से आकर्षक पैक में मिलता है।
रंग
मेंहदी के पेड़ की पत्तियाँ हरे रंग की होती हैं, इसे पीसकर लगाने से लाल रंग का निखार कई दिनों तक रहता है। मेंहदी का स्वाद कसैला होता है।
मेंहदी का स्वरूप
मेंहदी के पेड़ की पत्तियों की लम्बाई लगभग 1 इंच से डेढ़ इंच के लगभग होती है। मेंहदी के पत्ते अंडे के जैसे होते हैं। इसके फूल अत्यन्त सुंगन्धित होते हैं तथा फल मटर के समान, गोलाकार होते हैं जिनके भीतर छोटे-छोटे त्रिभुज की आकृति के चिकने अनेक बीज होते हैं। इसमें अक्टूबर-नवम्बर में फूल और उसके बाद फल लगते हैं। मेंहदी की पत्तियों में टैनिन तथा वासोन नामक मुख्य रजक द्रव्य तरल पाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त मैलिक एसिड, ग्लूकोज मैनिटोल, वसराल और म्यूसिलेज आदि तत्च मेंहदी में पाये जाते हैं। इससे एक गाढ़े भूरे रंग का सुगन्धित तेल भी प्राप्त किया जाता है।
मेंहदी के गुण
- मेंहदी की तासीर ठंड़ी होती हैं। यह बालों में चमक के साथ-साथ दिमाग को शांत रखती है।
- मेंहदी का प्रयोग केवल बालों को सुदंर बनाने के लिए ही नहीं किया जाता है, बल्कि इसका प्रयोग विभिन्न रोगों के इलाज में किया जाता है।
- खून के विकार, उल्टी, कब्ज, कफ-पित्त, कुष्ठ (कोढ़), बुखार, जलन, रक्तपित्त, पेशाब करने में कठिनाई होना (मूत्रकृच्छ) तथा खुजली आदि रोगों में मेंहदी काफ़ी लाभकारी है।
- उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति के पैरों के तलवों और हथेलियों पर मेंहदी का लेप समय-समय पर करने से आराम मिलता है।
- मेंहदी लगाने से शरीर की बढ़ी हुई गर्मी बाहर निकल जाती है।
- रात के समय मेंहदी को साफ पानी में भिगो दें और सवेरे के समय छानकर पीयें। इसके पीने से खून की सफाई होने के साथ-साथ शरीर के अन्दर की गर्मी भी शांत हो जाती है।
श्रृंगार
मेंहदी सोलह श्रृंगारों में से एक है। यह ना केवल सौंन्दर्य बढ़ाती है बल्कि इसके लगाने के पीछे तथ्य यह है कि मेंहदी की तासीर ठण्डी होती है और हाथों में मेंहदी लगाए जाने का उद्देश्य अपने धैर्य और शांति को बनाए रखने का प्रतीक माना जा सकता है। आज मेंहदी का प्रयोग ना केवल हाथों में होता है बल्कि पैरों में भी शौक के रूप में इसे लगाया जाता है जो एक अच्छा संकेत है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ