मलय: Difference between revisions

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*बौद्ध जातक कथाओं तथा टाल्मी के भूगोल से संकेत मिलता है कि भारतीयों में यह स्वर्णद्वीप अथवा स्वर्णभूमि के रूप में विख्यात था और मलय व भारत के बीच ख़ूब व्यापार होता था।  
*बौद्ध जातक कथाओं तथा टाल्मी के भूगोल से संकेत मिलता है कि भारतीयों में यह स्वर्णद्वीप अथवा स्वर्णभूमि के रूप में विख्यात था और मलय व भारत के बीच ख़ूब व्यापार होता था।  
*मलय प्रायद्वीप तथा कम्बोडिया में प्रारम्भिक पाँचवी शताब्दी ई. के [[संस्कृत]] शिलालेख प्राप्त हुए हैं।  
*मलय प्रायद्वीप तथा कम्बोडिया में प्रारम्भिक पाँचवी शताब्दी ई. के [[संस्कृत]] शिलालेख प्राप्त हुए हैं।  
*दक्षिण-पूर्व एशिया में शैलेन्द्र वंश के राजाओं ने जिस विशाल साम्राज्य की स्थापना की थी, उसमें मलय भी सम्मिलित था।  
*दक्षिण-पूर्व एशिया में [[शैलेन्द्र वंश]] के राजाओं ने जिस विशाल साम्राज्य की स्थापना की थी, उसमें मलय भी सम्मिलित था।  
*इन राजाओं का [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] तथा भारत से निकट सम्पर्क था।  
*इन राजाओं का [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] तथा भारत से निकट सम्पर्क था।  
*तेरहवीं शताब्दी ई. में, जब भारत में मुसलमानी शासन की स्थापना हुई, मलय और भारत के सांस्कृतिक सम्बन्ध टूट गये।  
*तेरहवीं शताब्दी ई. में, जब भारत में मुसलमानी शासन की स्थापना हुई, मलय और भारत के सांस्कृतिक सम्बन्ध टूट गये।  

Revision as of 18:18, 6 March 2011

  • आधुनिक मलय प्रायद्वीप है। इसका भारत से दीर्घकालीन सम्बन्ध रहा है।
  • इसके नाम से प्रतीत होता है कि इसका कोई सम्बन्ध प्रसिद्ध मालव गण से रहा है, किन्तु इस विषय में कोई भी सूचना अभी तक उपलब्ध नहीं है।
  • बौद्ध जातक कथाओं तथा टाल्मी के भूगोल से संकेत मिलता है कि भारतीयों में यह स्वर्णद्वीप अथवा स्वर्णभूमि के रूप में विख्यात था और मलय व भारत के बीच ख़ूब व्यापार होता था।
  • मलय प्रायद्वीप तथा कम्बोडिया में प्रारम्भिक पाँचवी शताब्दी ई. के संस्कृत शिलालेख प्राप्त हुए हैं।
  • दक्षिण-पूर्व एशिया में शैलेन्द्र वंश के राजाओं ने जिस विशाल साम्राज्य की स्थापना की थी, उसमें मलय भी सम्मिलित था।
  • इन राजाओं का बंगाल तथा भारत से निकट सम्पर्क था।
  • तेरहवीं शताब्दी ई. में, जब भारत में मुसलमानी शासन की स्थापना हुई, मलय और भारत के सांस्कृतिक सम्बन्ध टूट गये।


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