खैराडीह: Difference between revisions

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*[[उत्तर प्रदेश]] के बलिया ज़िले स्थित खैराडीह में 800 ई.पू. में आबादी शुरू हुई और ईसा की पहली तीन शताब्दियों में नगरीकरण चरम सीमा पर था।  
*खैराडीह, [[उत्तर प्रदेश]] के बलिया ज़िले में स्थित है।
*यहाँ से [[कुषाण काल|कुषाणकालीन]] शहरी आबादी के आकर्षक आँकड़ें मिलते हैं।  
*खैराडीह में 800 ई.पू. में आबादी शुरू हुई और ईसा की पहली तीन शताब्दियों में नगरीकरण चरम सीमा पर था।  
*दो चरणों में बनी हुई सड़क मिली है। जिसके दोनों तरफ रिहायशी इमारतों की कतारे हैं।  
*यहाँ से [[कुषाण काल|कुषाणकालीन]] शहरी आबादी के आकर्षक आँकड़े मिलते हैं।  
*यहाँ दो चरणों में बनी हुई सड़क मिली है। जिसके दोनों तरफ रिहायशी इमारतों की कतारे हैं।  
*यहाँ से लाल मृद्भाण्ड मिले हैं, जो अलंकृत हैं। एक कमरे में मिट्टी में खोदी गई दो भट्टियाँ और 23 किलोग्राम धातुमल मिला है।  
*यहाँ से लाल मृद्भाण्ड मिले हैं, जो अलंकृत हैं। एक कमरे में मिट्टी में खोदी गई दो भट्टियाँ और 23 किलोग्राम धातुमल मिला है।  
*लौहे के उपकरणों में कुल्हाड़ी और छैनी मिली है।
*लोहे के उपकरणों में कुल्हाड़ी और छैनी मिली है।
*अनेक कुषाणकालीन सिक्के मिले हैं।
*यहाँ से अनेक कुषाणकालीन सिक्के मिले हैं।
*ईसा की तीसरी-चौथी सदी का अभिलिखित मोहर छापा भी मिलता है।
*ईसा की तीसरी-चौथी सदी का अभिलिखित मोहर छापा भी मिला है।
*यह उल्लेखनीय है कि अब तक इस स्थल से किसी सुस्पष्ट रूप से गुप्तकालीन पुरावशेष के मिलने की सूचना नहीं मिली है।  
*यह उल्लेखनीय है कि अब तक इस स्थल से किसी सुस्पष्ट रूप से गुप्तकालीन पुरावशेष के मिलने की सूचना नहीं मिली है।  


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Revision as of 15:45, 8 April 2011

  • खैराडीह, उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में स्थित है।
  • खैराडीह में 800 ई.पू. में आबादी शुरू हुई और ईसा की पहली तीन शताब्दियों में नगरीकरण चरम सीमा पर था।
  • यहाँ से कुषाणकालीन शहरी आबादी के आकर्षक आँकड़े मिलते हैं।
  • यहाँ दो चरणों में बनी हुई सड़क मिली है। जिसके दोनों तरफ रिहायशी इमारतों की कतारे हैं।
  • यहाँ से लाल मृद्भाण्ड मिले हैं, जो अलंकृत हैं। एक कमरे में मिट्टी में खोदी गई दो भट्टियाँ और 23 किलोग्राम धातुमल मिला है।
  • लोहे के उपकरणों में कुल्हाड़ी और छैनी मिली है।
  • यहाँ से अनेक कुषाणकालीन सिक्के मिले हैं।
  • ईसा की तीसरी-चौथी सदी का अभिलिखित मोहर छापा भी मिला है।
  • यह उल्लेखनीय है कि अब तक इस स्थल से किसी सुस्पष्ट रूप से गुप्तकालीन पुरावशेष के मिलने की सूचना नहीं मिली है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ