मास्टर मदन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 2: Line 2:
|चित्र=Master-madan-2.jpg
|चित्र=Master-madan-2.jpg
|पूरा नाम=मास्टर मदन
|पूरा नाम=मास्टर मदन
|अन्य नाम=
|अन्य नाम=संगीत सम्राट
|जन्म=[[28 दिसंबर]] [[1927]]
|जन्म=[[28 दिसंबर]] [[1927]]
|जन्म भूमि= [[खानखाना गाँव]], [[पंजाब]]
|जन्म भूमि= [[खानखाना गाँव]], [[पंजाब]]
Line 11: Line 11:
|कर्म-क्षेत्र=गायन
|कर्म-क्षेत्र=गायन
|मृत्यु=[[5 जून]], [[1942]]
|मृत्यु=[[5 जून]], [[1942]]
|मृत्यु स्थान=
|मृत्यु स्थान=[[दिल्ली]]
|मुख्य रचनाएँ=यूँ न रह-रह कर हमें तरसाइये, हैरत से तक रहा है
|मुख्य रचनाएँ=यूँ न रह-रह कर हमें तरसाइये, हैरत से तक रहा है
|मुख्य फ़िल्में=
|मुख्य फ़िल्में=
Line 35: Line 35:
*यूँ न रह-रह कर हमें तरसाइये  
*यूँ न रह-रह कर हमें तरसाइये  
*हैरत से तक रहा है
*हैरत से तक रहा है
अन्य छ: गाने बहुत ही कम मिल पाते है।  
अन्य छ: गाने बहुत ही कम मिल पाते है। जब वह एक युवा लड़का था तब मास्टर मदन ने राजाओं के दरबार में गायन शुरू कर दिया था। आठ साल की उम्र में उन्हें '''संगीत सम्राट''' कहा जाता था।
==परिवार==  
==परिवार==  
मास्टर मदन के पिता सरदार अमर सिंह शिक्षा विभाग की सेवा में थे। और उनकी माता पूरन देवी एक धार्मिक महिला थी। मास्टर मदन की माता भी अल्पायु में ही मर गयी थी।  
मास्टर मदन के पिता सरदार अमर सिंह शिक्षा विभाग की सेवा में थे। और उनकी माता पूरन देवी एक धार्मिक महिला थी। मास्टर मदन की माता भी अल्पायु में ही मर गयी थी।  
Line 61: Line 61:
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ीयाँ==
==बाहरी कड़ीयाँ==
*[http://khankhana.net/master_madan.aspx The King of Music]
*[http://www.hindustantimes.com/Master-Madan-s-Ghazal-ka-Safar/Article1-442561.aspx Master Madan's Ghazal ka Safar]
*[http://www.hindustantimes.com/Master-Madan-s-Ghazal-ka-Safar/Article1-442561.aspx Master Madan's Ghazal ka Safar]
*[http://indianhitler.wordpress.com/category/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%A8/ द फर्स्ट इंडियल आईडल: मास्टर मदन]
*[http://indianhitler.wordpress.com/category/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%A8/ द फर्स्ट इंडियल आईडल: मास्टर मदन]
Line 66: Line 67:
*[http://skinnysim.info/master_madan.html 'THE BOY GENIUS']
*[http://skinnysim.info/master_madan.html 'THE BOY GENIUS']
*[http://kisseykahen.blogspot.com/2010/07/blog-post.html ग़ज़ल का सफ़र- मास्टर मदन]  
*[http://kisseykahen.blogspot.com/2010/07/blog-post.html ग़ज़ल का सफ़र- मास्टर मदन]  
*[http://kisseykahen.blogspot.com/2007/12/child-prodigy.html
*[http://v-s-gopal.sulekha.com/blog/post/2009/05/rediscovery-of-master-madan-singing-genius-who-died.htm REDISCOVERY OF MASTER MADAN, SINGING GENIUS WHO DIED AT 14]
 
*[http://www.apnaorg.com/research-papers/master-madan/ A child prodigy:  Master Madan]
 
[[Category:शास्त्रीय गायक कलाकार]]  
[[Category:शास्त्रीय गायक कलाकार]]  
[[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]]  
[[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]]  

Revision as of 13:12, 7 May 2011

मास्टर मदन
पूरा नाम मास्टर मदन
अन्य नाम संगीत सम्राट
जन्म 28 दिसंबर 1927
जन्म भूमि खानखाना गाँव, पंजाब
मृत्यु 5 जून, 1942
मृत्यु स्थान दिल्ली
कर्म-क्षेत्र गायन
मुख्य रचनाएँ यूँ न रह-रह कर हमें तरसाइये, हैरत से तक रहा है
विषय शास्त्रीय संगीत
नागरिकता भारतीय

मास्टर मदन भारत की पूर्व आज़ादी के एक प्रतिभाशाली ग़ज़ल और गीत गायक थे। (जन्म: 28 दिसंबर 1927, खानखाना गाँव-पंजाब, मृत्यु: 5 जून 1942) मास्टर मदन के बारे में बहुत कम लोग जानते है। मास्टर मदन एक ऐसे कलाकार थे जो 1930 के दशक में एक किशोर के रूप में ख्याती प्राप्त करके मात्र 15 वर्ष की उम्र में 1940 की दशक में ही स्वर्गवासी हो गए। ऐसा माना जाता है कि मास्टर मदन को आकाशवाणी और अनेक रियासतों के दरबार में गाने के लिए बहुत ऊँची रकम दी जाती थी। मास्टर मदन उस समय के प्रसिद्ध गायक कुंदन लाल सहगल के बहुत क़रीब थे जिसका कारण दोनों का ही जालंधर का निवासी होना था।

जन्म

मास्टर मदन का जन्म 28 दिसंबर, 1927 को पंजाब के जालंधर ज़िले के खानखाना गाँव में हुआ था। उनके जीवन में केवल 8 गाने ही रिकॉर्ड हो पाये जो आज उपलब्ध है। जिनमें से सार्वजनिक रूप से केवल दो ही गानों की रिकॉर्डिंग सब जगह मिल पाती है।

  • यूँ न रह-रह कर हमें तरसाइये
  • हैरत से तक रहा है

अन्य छ: गाने बहुत ही कम मिल पाते है। जब वह एक युवा लड़का था तब मास्टर मदन ने राजाओं के दरबार में गायन शुरू कर दिया था। आठ साल की उम्र में उन्हें संगीत सम्राट कहा जाता था।

परिवार

मास्टर मदन के पिता सरदार अमर सिंह शिक्षा विभाग की सेवा में थे। और उनकी माता पूरन देवी एक धार्मिक महिला थी। मास्टर मदन की माता भी अल्पायु में ही मर गयी थी।

शुरुआत

मास्टर मदन ने पहली बार सार्वजनिक रूप से धरमपुर के अस्तपताल द्वारा आयोजित रैली में गाया था। जब उनकी उम्र मात्र साढ़े तीन साल की थी। मास्टर मदन को सुनकर श्रोता दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। उन्हें उस समय कई गोल्ड मैडल मिले और उसके बाद भी मिलते रहे। उसके बाद मास्टर मदन और उनके बड़े भाई ने पूरे भारत का दौरा किया और कई रियासतों के शासकों से कई पुरस्कार जीते। मास्टर मदन ने जालंधर शहर के प्रसिद्ध हरवल्ल्भ मेले में गाया था और उसके बाद शिमला में भी गाया था। शिमला में कई और उल्लेखनीय गायक भी आये थे लेकिन हज़ारों लोग केवल मास्टर मदन को ही सुनने के लिए उत्सुक थे।[1]

संगीत और हिंदी सिनेमा की अपूर्णनीय क्षति

thumb|मास्टर मदन 1930 के दशक से ही मास्टर मदन ने मात्र 3-4 वर्ष की अल्प आयु में ही शास्त्रीय रागों पर आधारित रचनाओं का गायन प्रारम्भ कर दिया था। यदि मास्टर मदन दीर्घायु प्राप्त करते तो हिंदी सिनेमा के पार्श्व गायन में उनका नाम सम्भवत: मोहम्मद रफ़ी जैसे गायकों से पहले आता क्योंकि रफ़ी की उम्र और इनकी उम्र में बमुश्किल 3-4 वर्ष का ही अंतर था।[2]

गीत

  • यूँ न रह-रह कर हमें तरसाइये- ग़ज़ल
  • हैरत से तक रहा है- ग़ज़ल
  • गोरी गोरी बईयाँ- भजन
  • मोरी बिनती मानो कान्हा रे- भजन
  • मन की मन- ग़ज़ल
  • चेतना है तो चेत ले- भजन
  • बांगा विच..- पंजाबी गीत
  • रावी दे परले कंडे वे मितरा- पंजाबी गीत

निधन

मात्र 14 साल की उम्र में 5 जून, 1942 को इस विलक्षण बुद्धि के बालक (Child Prodigy) का निधन हो गया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. Master Madan : the child prodigy (अंग्रेज़ी) (html) Indian Raga। अभिगमन तिथि: 7 मई, 2011
  2. A tribute to Master Madan (अंग्रेज़ी) (html) mohdrafi। अभिगमन तिथि: 7 मई, 2011

बाहरी कड़ीयाँ