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| ==अर्थशास्त्र==
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| {| class="bharattable-green" width="100%"
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| |-
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| | valign="top"|
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| {| width="100%"
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| <quiz display=simple>
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| {'थारपारकर' किस पशु की नस्ल है?
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| |type="()"}
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| -[[गाय]]
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| +भैंस
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| -बकरी
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| -भेड़
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| {[[गाय]] का गर्भकाल कितने दिन का होता है?
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| |type="()"}
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| -270 दिन
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| +282 दिन
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| -278 दिन
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| -290 दिन
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| {‘भादवारी भैंस’ किस प्रदेश में पाई जाती है?
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| |type="()"}
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| -[[महाराष्ट्र]]
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| -[[हरियाणा]]
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| +[[गुजरात]]
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| -[[गोवा]]
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| ||[[चित्र:Indian-Farmer-Ghungti-Village-Junagdh.jpg|thumb|120px|right|जुताई करता किसान, जूनागढ़, [[गुजरात]]]] [[गुजरात]] की सबसे ऊँची चोटी [[गिरनार पहाड़ी|गिरिनार पहाड़ियों]] में स्थित गोरखनाथ की चोटी है, जो 1117 मीटर ऊँची है। गुजरात की जलवायु ऊष्ण प्रदेशीय और मानसूनी है। वर्षा की कमी के कारण इस प्रदेश में रेतीली और बलुई मिट्टी पायी जाती है। प्रदेश में पूर्व की ओर उत्तरी गुजरात में वर्षा की मात्र 50 सेमी तक होती है। इसके दक्षिण की ओर मध्य गुजरात में मिट्टी कुछ अधिक उपजाऊ है तथा जलवायु भी अपेक्षयता आर्द्र है। वर्षा 75 सेमी तक होती है। [[नर्मदा नदी|नर्मदा]], [[ताप्ती नदी|ताप्ती]], साबरमती, [[सरस्वती नदी|सरस्वती]], [[माही नदी|माही]], भादर, [[बनास नदी|बनास]] और विश्वामित्र इस प्रदेश की सुपरिचित नदियाँ हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुजरात]]
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| {‘मेरिनो’ निम्न में से किसकी नस्ल है?
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| |type="()"}
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| +भेड़
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| -बकरी
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| -सुअर
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| -घोड़ा
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| {पशुओं में ‘अफरा’ रोग का प्रमुख कारण क्या है?
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| |type="()"}
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| -[[जीवाणु]]
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| -[[कवक]]
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| -[[शैवाल]]
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| +प्रदूषित भोजन
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| {‘मिल्क फ़ीवर’ किस प्रकार के पशुओं में होता है?
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| |type="()"}
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| +अधिक [[दूध]] देने वाले पशुओं में।
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| -कम दूध देने वाले पशुओं में।
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| -वे पशु जो दूध निकालते समय दूध चुराते हैं।
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| -गन्दगी में रहने वाले पशुओं में।
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| {‘कैथोमीटर’ का प्रयोग पशुओं में किस लिए करते हैं?
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| |type="()"}
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| -नम्बर लगाने के लिए
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| -पशुओं को टीका लगाने के लिए
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| +पेशाब निकालने के लिए
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| -नथ लगाने के लिए
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| {पशुओं की आयु का पता किस प्रकार लगाया जाता है?
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| |type="()"}
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| -दाँतों को गिनकर
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| -सींग पर छल्लों को गिनकर
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| +उपर्युक्त दोनों
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| -इनमें से कोई नहीं
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| {सबसे ज़्यादा वसा किस भैंस के [[दूध]] में पाई जाती है?
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| |type="()"}
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| -मुर्रा
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| +भदवारी
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| -[[राजस्थान|राजस्थानी]]
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| -[[नागपुर|नागपुरी]]
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| {भेड़ों से ऊन उतारने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होता है?
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| |type="()"}
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| +सर्दी के ठीक बाद
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| -वर्षा ऋतु में
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| -वर्षा ऋतु के बाद
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| -गर्मियों के बाद
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| {'केन्द्रीय भेड़ और ऊन अनुसंधान केन्द्र' कहाँ स्थित है?
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| |type="()"}
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| +[[देहरादून]]
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| -[[दिल्ली]]
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| -[[शिमला]]
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| -[[हरियाणा]]
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| ||[[चित्र:Kagyu-Institute-Dehradun.jpg|thumb|120px|right|केग्यु संस्थान, [[देहरादून]]]]भौगोलिक रूप से [[देहरादून]] [[शिवालिक पहाड़ियाँ|शिवालिक की पहाड़ियों]] और मध्य [[हिमालय]] की पहाड़ियों के बीच में स्थित है। [[उत्तराखंड]] की राजधानी देहरादून [[भारत]] का प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटक स्थल है। देहरादून पूर्व में [[गंगा]] से लेकर पश्चिम में [[यमुना नदी]] तक फैला हुआ है। इस तरह की विस्तृत घाटियों को ही "दून" कहते हैं। हिमालय की तराई और शिवालिक पर्वत श्रृंखला के बीच की घाटी को दून कहते हैं। इस घाटी में सौंग व आसन जैसी कई नदियाँ हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देहरादून]]
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| {राष्ट्रीय [[दूध|दुग्ध]] शोध संस्थान कहाँ स्थित है?
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| |type="()"}
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| +करनाल
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| -[[हिसार]]
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| -[[हैदराबाद]]
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| -[[बैंगलोर]]
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| {निम्न में से [[उत्तर प्रदेश]] में पाई जाने वाली भैंस कौन-सी है?
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| |type="()"}
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| +तराई
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| -मुर्रा
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| -नाती
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| -सुरती
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| {'भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान' कहाँ स्थित है?
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| |type="()"}
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| -[[कानपुर]]
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| -[[लखनऊ]]
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| +[[बरेली]]
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| -[[इलाहाबाद]]
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| ||बरेली शहर [[कृषि]] उत्पादों का व्यापारिक केंद्र है और यहाँ चीनी प्रसंस्करण, कपास ओटने और गांठ बनाने आदि के भी उद्योग हैं। लकड़ी का फ़र्नीचर बनाने के लिए यह नगर काफ़ी प्रसिद्ध है। इसके निकट दियासलाई, लकड़ी से तारपीन का तेल निकालने के कारख़ाने हैं। यहाँ पर सूती कपड़े की मिलें तथा गन्धा बिरोजा तैयार करने के कारख़ाने भी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बरेली]]
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| {मुर्गियों में चेचक रोग किसके कारण फैलता है?
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| |type="()"}
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| -[[कवक]]
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| -[[जीवाणु]]
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| -प्रोटोजोआ
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| +[[विषाणु]]
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| ||[[चित्र:Influenza-Virus.jpg|thumb|120px|right|इन्फ्लूएन्जा विषाणु]] विषाणु का अंग्रेज़ी शब्द 'वायरस' होता है, जिसका शाब्दिक अर्थ 'विष' है। सर्वप्रथम सन 1796 में डाक्टर एडवर्ड जेनर ने पता लगाया कि चेचक, [[विषाणु]] के कारण होता है। उन्होंने चेचक के टीके का आविष्कार भी किया। इसके बाद सन [[1886]] में एडोल्फ मेयर ने बताया कि [[तम्बाकू]] में मोजेक रोग एक विशेष प्रकार के वायरस के द्वारा होता है। रूसी वनस्पति शास्त्री इवानोवस्की ने भी [[1892]] में तम्बाकू में होने वाले मोजेक रोग का अध्ययन करते समय विषाणु के अस्तित्व का पता लगाया। बेजेर्निक और बोर ने भी तम्बाकू के पत्ते पर इसका प्रभाव देखा और उसका नाम टोबेको मोजेक रखा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विषाणु]]
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| {[[भारत]] में सबसे ज्यादा बकरियाँ किस राज्य में पाई जाती हैं?
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| |type="()"}
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| -[[बिहार]]
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| -[[गुजरात]]
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| +[[राजस्थान]]
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| -[[उत्तर प्रदेश]]
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| ||[[चित्र:Jaisalmer-Fort.jpg|thumb|120px|right|[[जैसलमेर क़िला|जैसलमेर का क़िला]], [[जैसलमेर]]]] राजस्थान सांस्कृतिक रूप में समृद्ध होने के साथ-साथ [[खनिज|खनिजों]] के मामले में भी समृद्ध रहा है और अब वह देश के औद्योगिक परिदृश्य में भी तेजी से उभर रहा है। राज्य के प्रमुख केंद्रीय प्रतिष्ठानों में देबरी ([[उदयपुर]]) में जस्ता गलाने का संयंत्र, खेतडी (झुंझनूं) में [[तांबा]] परियोजना और कोटा में सूक्ष्म उपकरणों का कारखाना शामिल है। मार्च, 2006 तक राज्य में लघु उद्योगों की 2,75,400 इकाइयां थी। जिनमें 4,336.70 करोड़ रुपये की पूँजी लगी थी और लगभग 10.55 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजस्थान]]
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| {[[दूध]] का [[रंग]] [[पीला रंग|पीला]] क्यों होता है?
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| |type="()"}
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| -लाइकोपिन के कारण
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| -लैक्टोज के कारण
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| +कैरोटिन के कारण
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| -उपर्युक्त सभी
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| {देशी [[घी]] में से सुगन्ध क्यों आती है?
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| |type="()"}
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| -लैक्टोज के कारण
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| +डाइएसिटिल के कारण
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| -केसीन के कारण
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| -इनमें से कोई नहीं
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| {[[भारत]] में सबसे ज़्यादा [[दूध]] किस राज्य में पैदा होता है?
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| |type="()"}
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| -[[पंजाब]]
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| -[[हरियाणा]]
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| -[[गुजरात]]
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| +[[उत्तर प्रदेश]]
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| ||[[चित्र:Krishna Birth Place Mathura-13.jpg|thumb|120px|right|[[कृष्ण जन्मभूमि]], [[मथुरा]]]] विविध स्थलाकृति एवं जलवायु के कारण [[उत्तर प्रदेश]] का प्राणी जीवन समृद्ध है। इस क्षेत्र में शेर, तेंदुआ, [[हाथी]], जंगली सूअर, घड़ियाल के साथ-साथ कबूतर, फ़ाख्ता, जंगली बत्तख़, तीतर, मोर कठफोड़वा, नीलकंठ और बटेर पाए जाते हैं। कई प्रजातियाँ, जैसे-[[गंगा]] के मैदान से सिंह और तराई क्षेत्र से गैंडे अब विलुप्त हो चुके हैं। वन्य जीवन के संरक्षण के लिए सरकार ने 'चन्द्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य' और 'दुधवा अभयारण्य' सहित कई अभयारण्य स्थापित किए हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तर प्रदेश]]
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| {[[उत्तर प्रदेश]] में पशुओं के लिए हिमीकृत वीर्य बैंक कहाँ स्थापित किया गया है?
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| |type="()"}
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| -[[रायबरेली]]
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| +[[मुरादाबाद]]
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| -[[वाराणसी]]
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| -[[लखनऊ]]
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| ||मुरादाबाद सड़कमार्ग द्वारा [[भारत]] के कई प्रमुख शहरों जैसे [[मथुरा]], [[दिल्ली]], [[चंडीगढ़]], [[कानपुर]], [[लखनऊ]], [[वाराणसी]], [[झाँसी]] और [[आगरा]] आदि से पहुँचा जा सकता है। [[उत्तर प्रदेश]] राज्य मार्ग परिवहन निगम द्वारा इन सभी शहरों से [[मुरादाबाद]] के लिए बस सुविधा उपलब्ध करवा रखी है। इसके अतिरिक्त विभिन्न निजी बसों की सुविधा भी उपलब्ध है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मुरादाबाद]]
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| {[[भारत]] का सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक राज्य कौन-सा है?
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| |type="()"}
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| +[[पश्चिम बंगाल]]
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| -[[केरल]]
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| -[[तमिलनाडु]]
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| -[[आन्ध्र प्रदेश]]
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| ||[[चित्र:Bengali-Food.jpg|thumb|120px|right|बंगाली भोजन]]वर्ष 2006-07 में पश्चिम बंगाल राज्य में कुल खाद्य उत्पादन 15820 हज़ार टन था, जिसमें से [[चावल]] का उत्पादन 14745.9 हज़ार टन, [[गेहूँ]] और दलहनों का उत्पादन क्रमश: 799.9 हज़ार टन और 154.4 हज़ार टन रहा। इसी अवधि में तिलहनों का उत्पादन 645.4 हज़ार टन और आलू का 5052 हज़ार टन हुआ। 2006-07 में पटसन का उत्पादन 8411.5 हज़ार गांठें रहा। पटसन, कपास और [[काग़ज़]] की मिलों का प्रमुख केंद भाटपारा है। इसके अतिरिक्त इस राज्य में मत्स्य पालन भी एक बहुत बड़ा व्यवसाय है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पश्चिम बंगाल]]
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| {भारत में शहद प्राप्त करने के लिए सर्वाधिक कौन-सी मधुमक्खी पाली जाती है?
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| |type="()"}
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| -मुंगा
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| -छोटी भुनगा
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| +खैरा
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| -मेलिपोना
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| {मछलियों में ‘गिल का सड़न’ रोग किसके कारण से होता है?
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| |type="()"}
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| -[[जीवाणु]]
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| -[[शैवाल]]
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| -[[विषाणु]]
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| +[[कवक]]
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| ||कवक उच्च वनस्पतियों से सहजीवन का संबंध स्थापित कर कवकमूलता बनाते हैं। इस सहजीवन संबंध की स्थापना पेड़ों, झड़ियों तथा टेरिडोफ़ाइट्स और ब्रायोफ़ाइट्स से भी होती है। कवक [[नीला रंग|नीले]] तथा [[हरा रंग|हरे]] [[शैवाल]] के साहचर्य से लाइकेन की स्थापना करते हैं। [[कवक]] और इन जीवों का यथार्थ संबंध अभी तक स्पष्ट ज्ञात नहीं हो सका है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कवक]]
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| {भूरी क्रान्ति किससे सम्बन्धित है?
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| |type="()"}
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| -भैंसों के विकास से
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| +भेड़ों के विकास से
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| -उर्वरकों के विकास से
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| -सूअरों के विकास से
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| {मुर्गियों में संक्रामक रोग 'कोराइजा' किसके कारण होता है?
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| |type="()"}
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| -[[वायरस]]
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| -[[शैवाल]]
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| +[[जीवाणु]]
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| -[[कवक]]
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| ||[[चित्र:Bacteria.jpg|thumb|120px|right|[[जीवाणु]]]]मानव शरीर में जितनी मानव कोशिकाएं है, उसकी लगभग 10 गुणा अधिक तो जीवाणु कोष है। इनमें से अधिकांश [[जीवाणु]] त्वचा तथा अहारनाल में पाए जाते हैं। हानिकारक जीवाणु इम्यून तंत्र के रक्षक प्रभाव के कारण शरीर का नुक़सान नहीं पहुंचा पाते हैं। कुछ जीवाणु लाभदायक भी होते हैं। अनेक प्रकार के परजीवी जीवाणु कई रोग उत्पन्न करते हैं, जैसे - हैजा, मियादी बुखार, निमनिया, तपेदिक या क्षयरोग, [[प्लेग]] इत्यादि। सिर्फ़ क्षय रग से प्रतिवर्ष लगभग 20 लाख लोग मरते हैं{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जीवाणु]]
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| </quiz>
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