फ़क़ीर: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{पुनरीक्षण}} *फ़क़ीर अरबी का शब्द है, फ़क़...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
m (Adding category Category:सूफ़ी सम्प्रदाय (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
Line 16: | Line 16: | ||
[[Category:नया पन्ना]] | [[Category:नया पन्ना]] | ||
[[Category:सूफ़ी सम्प्रदाय]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 12:56, 23 July 2011
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
- फ़क़ीर अरबी का शब्द है, फ़क़ीर का अर्थ निर्धन है जो मूलत: भिकारी दरवेश है।
- आध्यात्मिक दृष्टि से फ़क़ीर शब्द का संबंध व्यक्ति की ईश्वर विषयक आध्यात्मिक आवश्यकता से है, क्योंकि ईश्वर ही है, जो पूर्णत: आत्मनिर्भर है।
- यद्यपि यह शब्द मुस्लिम मूल का है, फिर भी हिंदुओं ने भी इसका इस्तेमाल किया और गोंसैई, साधु, भिक्कु के स्थान पर अक्सर इस शब्द का प्रयोग किया गया।
- फ़क़ीरों को आमतौर पर पवित्र व्यक्ति माना जाता है, जिनके पास चमत्कारिक शक्तियाँ होती हैं।
- फ़क़ीर प्राय: अशिक्षित होते है और उनके अनुयायी साधारण ग्रामीण लोग होते हैं और उनके अनुयायी साधारण ग्रामीण लोग होते हैं।
- मुसलमानों में प्रमुख सूफ़ी फ़क़ीर समुदाय हैं, चिश्तिया, कादरिया, नक़्शबंदिया और सुहरावर्दिया।
|
|
|
|
|