प्रयोग:Asha: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 27: | Line 27: | ||
| style="width:70%"| | | style="width:70%"| | ||
|- | |- | ||
अर्थ - अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री मलूकदास जी का ये कथन बहुत ही उचित है ! | |||
|- | |- | ||
|2-असाढ़ जोतो लड़के ढार, सावन भादों हरवा है<br /> | |2-असाढ़ जोतो लड़के ढार, सावन भादों हरवा है<br /> | ||
क्वार जोतो घर का बैल, तब ऊंचे उनहारे। | क्वार जोतो घर का बैल, तब ऊंचे उनहारे। | ||
|- | |- | ||
अर्थ -किसान को आषाढ माह में साधारण जुताई करनी चाहिए, सावन भादों में अधिक, परन्तु क्वार में बहुत अधिक जुताई करें कि दिन-रात का ध्यान ना रहे, तभी अच्छी और ज़्यादा उपज होगी। | |||
|- | |- | ||
|3-अधजल गगरी छलकत जाय<br /> | |3-अधजल गगरी छलकत जाय<br /> | ||
|- | |- | ||
अर्थ - जो व्यक्ति बहुत कम जानता, वह विद्वान ही होने का दिखावा ज्यादा करता है। | |||
|- | |- | ||
|4- अति ऊंचे भू-धारन पर भुजगन के स्थान<br /> | |4- अति ऊंचे भू-धारन पर भुजगन के स्थान<br /> | ||
तुलसी अति नीचे सुखद उंख अन्न असपान। | तुलसी अति नीचे सुखद उंख अन्न असपान। | ||
|- | |- | ||
अर्थ - तुलसीदास जी कहते हैं कि खेती ऐसे ऊंचे स्थानों पर करनी चाहिए जहां पर सांप रहते हों, पहाड़ों के ढाल पर उंख हो, वहीं पर अन्न और पान की अच्छी फसल होती है। | |||
|- | |- | ||
|} | |} |
Revision as of 12:05, 9 May 2010
मिजोरम प्रदेश के ज़िले |
आइजोल ज़िला . चम्फाई ज़िला . कोलासिब ज़िला . ममित ज़िला . लुंगलेई ज़िला . लॉन्ग्तलाई ज़िला . सइहा ज़िला . सेरछिप ज़िला |
---|
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
अर्थ - अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री मलूकदास जी का ये कथन बहुत ही उचित है ! अर्थ -किसान को आषाढ माह में साधारण जुताई करनी चाहिए, सावन भादों में अधिक, परन्तु क्वार में बहुत अधिक जुताई करें कि दिन-रात का ध्यान ना रहे, तभी अच्छी और ज़्यादा उपज होगी। अर्थ - जो व्यक्ति बहुत कम जानता, वह विद्वान ही होने का दिखावा ज्यादा करता है। अर्थ - तुलसीदास जी कहते हैं कि खेती ऐसे ऊंचे स्थानों पर करनी चाहिए जहां पर सांप रहते हों, पहाड़ों के ढाल पर उंख हो, वहीं पर अन्न और पान की अच्छी फसल होती है।कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ | |
---|---|---|
1-अजगर करे ना चाकरी पंछी करे ना काम, दास मलूका कह गए सब के दाता राम ..। |
||
2-असाढ़ जोतो लड़के ढार, सावन भादों हरवा है क्वार जोतो घर का बैल, तब ऊंचे उनहारे। | ||
3-अधजल गगरी छलकत जाय | ||
4- अति ऊंचे भू-धारन पर भुजगन के स्थान तुलसी अति नीचे सुखद उंख अन्न असपान। |