तुमसे मिलकर -दिनेश रघुवंशी: Difference between revisions

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Revision as of 15:04, 19 August 2011

तुमसे मिलकर -दिनेश रघुवंशी
कवि दिनेश रघुवंशी
जन्म 26 अगस्त, 1964
जन्म स्थान ग्राम ख़ैरपुर, बुलन्दशहर ज़िला, (उत्तर प्रदेश)
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
दिनेश रघुवंशी की रचनाएँ

तुमसे मिलकर जीने की चाहत जागी
प्यार तुम्हारा पाकर ख़ुद से प्यार हुआ

    तुम औरों से कब हो, तुमने पल भर में
    मन के सन्नाटों का मतलब जान लिया
    जितना मैं अब तक ख़ुद से अन्जान रहा
    तुमने वो सब पल भर में पहचान लिया

मुझ पर भी कोई अपना हक़ रखता है
यह अहसास मुझे भी पहली बार हुआ
प्यार तुम्हारा पाकर ख़ुद से प्यार हुआ

    ऐसा नहीं कि सपने नहीं थे आँखों में
    लेकिन वो जगने से पहले मुरझाए
    अब तक कितने ही सम्बन्ध जिए मैंने
    लेकिन वो सब मन को सींच नहीं पाये

भाग्य जगा है मेरी हर प्यास का
तृप्ति के हाथों ही खुद सत्कार हुआ
प्यार तुम्हारा पाकर ख़ुद से प्यार हुआ

    दिल कहता है तुम पर आकर ठहर गई
    मेरी हर मजबूरी, मेरी हर भटकन
    दिल के तारों को झंकार मिली तुमसे
    गीत तुम्हारे गाती है दिल की धड़कन

जिस दिल पर अधिकार कभी मैं रखता था
उस दिल के हाथों ही अब लाचार हुआ
प्यार तुम्हारा पाकर खुद से प्यार हुआ

    बहकी हुई हवाओं ने मेरे पथ पर
    दूर-दूर तक चंदन-गंध बिखेरी है
    भाग्य देव ने स्वयं उतरकर धरती पर
    मेरे हाथ में रेखा नई उकेरी है

मेरी हर इक रात महकती है अब तो
मेरा हर दिन जैसे इक त्यौहार हुआ
प्यार तुम्हारा पाकर खुद से प्यार हुआ


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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