लगने लगी हैं दिल को यूँ अच्छी उदासियाँ
चलती हैं साथ हौसला देती उदासियाँ
इक रोज़ ज़िन्दगी से यूँ बोली उदासियाँ
हर आदमी के साथ हैं उसकी उदासियाँ
ये कौन दे गया हमें इतनी उदासियाँ
हर इक ख़ुशी के साथ हैं लिपटी उदासियाँ
कुछ से ख़ुदा ने दूर ही रक्खी उदासियाँ
कुछ को ख़ुदा ने सौंप दीं कितनी उदासियाँ
वो शख़्स जो उदासियाँ को जानता न था
उसको सभी ने सौंप दीं अपनी उदासियाँ