बादाम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{पुनरीक्षण}} ==परिचय== बादाम के पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 28: Line 28:


गुण : कड़ुवा बादाम का प्रयोग सूजनों को ठीक करने में किया जाता है। यह शरीर के अंदर खराब खून को बिल्कुल साफ कर देता है जिससे चर्म रोगों (त्वचा संबन्धी रोगों) से छुटकारा मिलता है। इसका उपयोग सूखी और सर्द दोनों प्रकार की खांसियों के लिए लाभदायक होता है। यह छाती की हलचल (खरखराहट) और फेफड़ों की सूजन को खत्म करता है। हृदय की बीमारी और कामला (पीलिया) को ठीक करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह पथरी को भी गलाता है। 4 ग्राम कड़वा बादाम शहद के साथ खाने पर पागल कुत्ते के काटने का जहर समाप्त हो जाता है।
गुण : कड़ुवा बादाम का प्रयोग सूजनों को ठीक करने में किया जाता है। यह शरीर के अंदर खराब खून को बिल्कुल साफ कर देता है जिससे चर्म रोगों (त्वचा संबन्धी रोगों) से छुटकारा मिलता है। इसका उपयोग सूखी और सर्द दोनों प्रकार की खांसियों के लिए लाभदायक होता है। यह छाती की हलचल (खरखराहट) और फेफड़ों की सूजन को खत्म करता है। हृदय की बीमारी और कामला (पीलिया) को ठीक करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह पथरी को भी गलाता है। 4 ग्राम कड़वा बादाम शहद के साथ खाने पर पागल कुत्ते के काटने का जहर समाप्त हो जाता है।
;विभिन्न भाषाओं में बादाम के नाम
{| class="bharattable-purple" border="1"
|-
! भाषा
! नाम
|-
|[[हिन्दी]]
|बादाम।
|-
|[[अंग्रेज़ी]]
| आलमण्ड।
|-
|संस्कृत
|वाताद, वातवैरी।
|-
|मराठी
|बदाम, कड़वे बदाम।
|-
|गुजराती
| बदाम।
|-
|बंगाली
|बादाम।
|-
|फारसी
| बदाम शोरी, बदाम तल्ख।
|-
|लैटिन
|एमिग्ड्रेलस कम्युनीज।
|}





Revision as of 06:24, 30 August 2011

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

परिचय

बादाम के पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक पाये जाते हैं। इसके तने मोटे होते हैं। इसके पत्ते लम्बे, चौडे़ और मुलायम होते हैं। इसके फल के अंदर की मींगी को बादाम कहते हैं। बादाम के पेड़ एशिया में ईरान, ईराक, सउदी अरब, आदि देशों में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। हमारे देश में जम्मू कश्मीर में इसके पेड़ पाये जाते हैं। इसका पेड़ बहुत बड़ा होता है। बादाम की दो जातियां होती हैं एक कड़वी तथा दूसरी मीठी। बादाम पौष्टिक होती है। बादाम का तेल भी निकाला जाता है। कड़वी बादाम हमें उपयोग में नहीं लानी चाहिए क्योंकि यह शरीर के लिए हानिकारक होती है।

कच्चा बादाम : यह दस्तावर है। इसमें भारीपन होता है। पित्त को उत्तेजित करता है। यह कफ और वायु की बीमारियों को खत्म करता है।

पक्का बादाम : पक्का बादाम मीठा और चिकना होता है। इससे वीर्य में वृद्धि होती है और वीर्य गाढ़ा होता है। यह कफ को पैदा करता है और रक्त पित्त और वातपित्त को समाप्त करता है।

सूखा बादाम : यह मीठा होता है और धातु में वृद्धि करता है। यह शरीर को सुन्दर व शक्तिशाली बनाता है, पित्त को उत्तेजित करता है तथा वात पित्त और कफ को नष्ट करता है।

बादाम का तेल : इससे पुरुषों की पौरुष शक्ति में वृद्धि होती है। यह दिमाग के सभी रोगों को दूर करके उसे मजबूत बनाता है। इससे चेहरा सुन्दर और चमकदार हो जाता है। यह प्रमेह उत्पन्न करता है एवं शीतलता प्रदान करता है।

गुण : बादाम गर्म, चिकना, वीर्य को बढ़ाने वाला तथा वात नाशक होती है। मीठी भीगी बादाम वीर्यवर्द्धक होती है तथा पित्त एवं वात को खत्म करती है तथा कफ को बढ़ाती है। इसका उपयोग रक्तपित्त के रोगियों के लिए हानिकारक होता है।

बादाम का तेल निकालना : बादाम को छीलकर थोड़ी देर तक पानी में रखकर उसके छिलके निकाल देते हैं और उसमें थोड़ी सी मिश्री बारीक मिलाकर पीस लेते हैं। इसके बाद उसे हाथ में लेकर दबाने से तेल निकलता है। यह तेल दिमाग को हल्का और ठंडा रखता है।

बादाम का हानिकारक प्रभाव : कड़वे बादाम में एक प्रकार का जहर होता है अत: यह ध्यान रखा जाना आवश्यक है कि इसका खाने में उपयोग न किया जाए। इसके अतिरिक्त रक्तविकार से पीड़ित लोगों के लिए लोगों के भी बादाम का सेवन लाभकारी नहीं है।

मीठा बादाम

यह बाहर से लाल तथा अंदर से सफेद रंग का होता है। यह मीठा और स्वादिष्ट होता है। यह गर्म होता है। यह शरीर में देर से पचता है। शक्कर, मीठा बादाम के दोषों को दूर करता है। चिलगोजे से बादाम की तुलना की जा सकती है। मात्रा : 1 ग्राम से 3 ग्राम तक।

स्वरूप : बादाम के पेड़ बहुत ऊंचे होते हैं। इसके पेड़ अफगानिस्तान और मालद्वीप में अधिक पाये जाते हैं। इसके पत्ते लम्बे और गोल तथा फूल छोटे-छोटे होते हैं। इसके फल के अंदर जो बीज पाया जाता है उसे ही बादाम कहते हैं।

गुण : यह दिमाग और शरीर को स्वस्थ, सुन्दर और बलवान बनाता है, आंखों की रोशनी को बढ़ाता है, स्वभाव और आवाज को विनम्र व कोमल बनाता है। इससे हृदय को लाभ मिलता है। इसके उपयोग से शरीर में गाढ़ा और पुष्ट वीर्य पैदा होता है, सूखी खांसी के लिए यह लाभदायक होता है, सूजन को मिटाता है, शरीर के मोटापे को बढ़ाता है और रोगों को दूर करता है।

कड़वा बादाम

कड़वा बादाम का रंग सुर्ख (हल्का लाल और पीलापन) और अंदर सफेद रंग का होता है। कड़वा बादाम का स्वाद कड़वा होता है। कड़वा बादाम, बादाम की ही जाति है। कड़वा बादाम गर्म होता है। कड़वा बादाम का अधिक मात्रा में उपयोग आंतों के लिए हानि पहुंचाता है। चीनी, मिश्री, मीठे बादाम का तेल, कड़वा बादाम के गुणों को सुरक्षित रखता है एवं कड़वा बादाम में सम्मिलित दोषों को दूर करता है। कड़वे बादाम की तुलना भी चिलगोजे से की जा सकती है। मात्रा : 3 ग्राम।

गुण : कड़ुवा बादाम का प्रयोग सूजनों को ठीक करने में किया जाता है। यह शरीर के अंदर खराब खून को बिल्कुल साफ कर देता है जिससे चर्म रोगों (त्वचा संबन्धी रोगों) से छुटकारा मिलता है। इसका उपयोग सूखी और सर्द दोनों प्रकार की खांसियों के लिए लाभदायक होता है। यह छाती की हलचल (खरखराहट) और फेफड़ों की सूजन को खत्म करता है। हृदय की बीमारी और कामला (पीलिया) को ठीक करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह पथरी को भी गलाता है। 4 ग्राम कड़वा बादाम शहद के साथ खाने पर पागल कुत्ते के काटने का जहर समाप्त हो जाता है।

विभिन्न भाषाओं में बादाम के नाम
भाषा नाम
हिन्दी बादाम।
अंग्रेज़ी आलमण्ड।
संस्कृत वाताद, वातवैरी।
मराठी बदाम, कड़वे बदाम।
गुजराती बदाम।
बंगाली बादाम।
फारसी बदाम शोरी, बदाम तल्ख।
लैटिन एमिग्ड्रेलस कम्युनीज।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख