बिरजू महाराज: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "गुरू" to "गुरु")
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[चित्र:Birju-Maharaj.jpg|thumb|बिरजू महाराज<br /> Birju Maharaj]]
[[चित्र:Birju-Maharaj.jpg|thumb|बिरजू महाराज<br /> Birju Maharaj]]
'''बिरजू महाराज / Birju Maharaj'''
==परिचय==
==परिचय==
बिरजू महाराज का पूरा नाम बृज मोहन मिश्रा है। बिरजू महाराज भारतीय नृत्य की 'कत्थक' शैली के आचार्य और लखनऊ के कालका – बिंदादीन घराने के एक मुख्य प्रतिनिधि हैं।
बिरजू महाराज का पूरा नाम बृज मोहन मिश्रा है। बिरजू महाराज भारतीय नृत्य की 'कत्थक' शैली के आचार्य और लखनऊ के कालका – बिंदादीन घराने के एक मुख्य प्रतिनिधि हैं।

Revision as of 06:22, 16 May 2010

thumb|बिरजू महाराज
Birju Maharaj

परिचय

बिरजू महाराज का पूरा नाम बृज मोहन मिश्रा है। बिरजू महाराज भारतीय नृत्य की 'कत्थक' शैली के आचार्य और लखनऊ के कालका – बिंदादीन घराने के एक मुख्य प्रतिनिधि हैं।

प्रशिक्षण

पिता गुरु अच्छन महाराज की मृत्यु के पश्चात उनके चाचाओं, सुप्रसिद्ध आचार्यो 'शंभू' और 'लच्छू' महाराज ने उन्हें प्रशिक्षित किया।

प्रथम प्रस्तुति और पुरस्कार

16 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी प्रथम प्रस्तुति दी और 28 वर्ष की उम्र में कत्थक में उनकी निपुणता ने उन्हें संगीत नाटक अकादमी का प्रतिष्ठित पुरस्कार दिलवाया।

शैली

अपनी परिशुद्ध ताल और भावपूर्ण अभिनय के लिये प्रसिद्ध बिरजू महाराज ने एक ऐसी शैली विकसित की है, जो उनके दोनों चाचाओं और पिता से संबंधित तत्वों को सम्मिश्रित करती है। वह पदचालन की सूक्ष्मता और मुख व गर्दन के चालन को अपने पिता से और विशिष्ट चालों (चाल) और चाल के प्रवाह को अपने चाचाओं से प्राप्त करने का दावा करते हैं।

नवीन प्रयोग

बिरजू महाराज ने राधाकृष्ण अनुश्रुत प्रसंगों के वर्णन के साथ विभिन्न अपौराणिक और सामाजिक विषयों पर स्वंय को अभिव्यक्त करने के लिये नृत्य की शैली में नूतन प्रयोग किये हैं। उन्होंने कथक शैली में नृत्य रचना, जो पहले भारतीय नृत्य शैली में एक अनजाना तत्व था, को जोड़कर उसे आधुनिक बना दिया है और नृत्य नाटिकाओं को प्रचलित किया है।

शास्त्रीय गायक व वादक

बिरजू महाराज एक निपुण गायक भी हैं और ठुमरी तथा दादरा (शास्त्रीय गायन के प्रकार) का उनका गायन सराहा गया है। वह नाद, तबला और वायलिन बजाते हैं। उन्होंने सत्यजीत राय द्वारा निर्देशित फिल्म शंतरंज के खिलाड़ी में दो शास्त्रीय नृत्य दृश्यों के लिये संगीत रचा और गायन भी किया।

पद्मविभूषण

गत वर्षो में उन्होंने व्यापक रूप से भ्रमण किया है और कई प्रस्तुतियां व प्रदर्शन व्याख्यान दिए हैं। बिरजू महाराज को भारत सरकार द्वारा प्रदत्त पद्मविभूषण सहित अनेक पुरस्कार मिले हैं।