अनमोल वचन 6: Difference between revisions
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* स्मृति पीछे दृष्टि डालती है और आशा आगे। - रामचंद्र टंडन | * स्मृति पीछे दृष्टि डालती है और आशा आगे। - रामचंद्र टंडन | ||
* मेरी मानो अपनी नाक से आगे ना देखा करो। तुम्हे हमेशा मालूम होता रहेगा उसके आगे भी कुछ है और यह ज्ञान तुम्हे आशा और आनंद से मस्त रखेगा। - बर्नार्ड शा | * मेरी मानो अपनी नाक से आगे ना देखा करो। तुम्हे हमेशा मालूम होता रहेगा उसके आगे भी कुछ है और यह ज्ञान तुम्हे आशा और आनंद से मस्त रखेगा। - बर्नार्ड शा | ||
'''इतिहास''' | |||
* पुरे यत्न से इतिहास की रक्षा करनी चाहिए इतिहास और अपना प्राचीन गौरव नष्ट कर देने से विनाश निश्चित है - महाभारत | |||
* इतिहास के तजुर्बों से हम सबक नहीं लेते इसीलिए इतिहास अपने आप को दोहराता है - विनोबा | |||
'''इंद्रियां''' | |||
* जिसने इंद्रियों को अपने वश में कर लिया है, उसे स्त्री तिनके के जान पड़ती है - चाणक्य | |||
* अविवेकी और चंचल आदमी की इंद्रियां बेखबर सारथी के दुष्ट घोड़ों की तरह बेकाबू हो जाती हैं - कठोपनिषद | |||
* जब मनुष्य अपनी इंद्रियों को विषयों से खींच लेता है तभी उसकी बुद्धि स्थिर होती है - महाभारत | |||
* सब इंद्रियों को बश में रखकर सर्वत्र समत्व का पालन करके जो दृढ अचल और अचिन्त्य, सर्वव्यापी, स्वर्णीय, अविनाशी स्वरुप की उपसना करते हैं, वे सब प्राणियों के हित में लगे हुए मुझे ही पाते हैं - भगवन कृष्ण | |||
'''ईश्वर''' | |||
* मैं ईश्वर से डरता हूँ और ईश्वर के बाद उससे डरता हूँ जो ईश्वर से नहीं डरता - शेख सादी | |||
* ईश्वर एक है और वह एकता को पसंद करता है - हज़रत मोहम्मद | |||
* ईश्वर के अस्तित्व के लिए बुद्धि से प्रमाण नहीं मिल सकता क्योंकि ईश्वर भ्द्धि से परे है - महात्मा गाँधी | |||
* यदि ईश्वर नहीं है तो उसका अविष्कार कर लेना जरूरी है - वाल्टेयर | |||
* ईश्वर एक शाश्वत बालक है जो शाश्वत बाग़ में शाश्वत खेल खेल रहा है - अरविन्द | |||
* ईश्वर बड़े साम्राज्यों से विमुख हो सकता है पर छोटे छोटे फूलों से कभी खिन्न नहीं होता - टैगोर | |||
'''ईर्ष्या''' | |||
* ईर्ष्या करने वालों का सबसे बड़ा शत्रु उसकी ईर्ष्या ही है - तिरुवल्लुवर | |||
* ईर्ष्यालु को मृत्यु के सामान दुःख भोगना पड़ता है - वेदव्यास | |||
Revision as of 13:55, 15 September 2011
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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