सिसवाल: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
{{पुनरीक्षण}} | {{पुनरीक्षण}} | ||
*[[हरियाणा]] में [[हिसार|हिसार ज़िले]] के मुख्यालय से 26 किमी. पश्चिम में चौतांग (द्वषद्वती नदी) के बायें किनारे पर सिसवाल स्थित है। | *[[हरियाणा]] में [[हिसार ज़िला|हिसार ज़िले]] के मुख्यालय से 26 किमी. पश्चिम में चौतांग ([[द्वषद्वती नदी]]) के बायें किनारे पर सिसवाल स्थित है। | ||
*इस पुरास्थल का उत्खनन सूरजभान के निर्देशन में हुआ था। उत्खनन से प्राप्त सामग्री के आधार पर विभिन्न सांस्कृतिक चरण बनाये गये हैं। | *इस पुरास्थल का उत्खनन सूरजभान के निर्देशन में हुआ था। | ||
*उत्खनन से प्राप्त सामग्री के आधार पर विभिन्न सांस्कृतिक चरण बनाये गये हैं। | |||
==चरण== | ==चरण== | ||
*सिसवाल के प्रथम चरण में [[लाल रंग]] के मृद्पात्र हैं जिन पर [[काला रंग|काले रंग]] से ज्यामितिक चित्रण किया गया है। सामान्यतः यह चरण प्राक [[कालीबंगा]] काल से सम्बन्धित है। | *सिसवाल के प्रथम चरण में [[लाल रंग]] के मृद्पात्र हैं जिन पर [[काला रंग|काले रंग]] से ज्यामितिक चित्रण किया गया है। सामान्यतः यह चरण प्राक [[कालीबंगा]] काल से सम्बन्धित है। | ||
*सिसवाल के द्वितीय चरण में विकसित [[हड़प्पा|हड़प्पा संस्कृति]] के अवशेष मिलते हैं। | *सिसवाल के द्वितीय चरण में विकसित [[हड़प्पा|हड़प्पा संस्कृति]] के अवशेष मिलते हैं। | ||
*सिसवाल के तृतीय चरण में विकसित हड़प्पा संस्कृति के साथ-साथ लुप्त होती हड़प्पा संस्कृति के अवशेष प्राप्त होते हैं। | *सिसवाल के तृतीय चरण में विकसित हड़प्पा संस्कृति के साथ-साथ लुप्त होती हड़प्पा संस्कृति के अवशेष प्राप्त होते हैं। | ||
*प्राप्त मृद्पात्रों में तश्तरी, ऊँची गर्दन युक्त मर्तबान है। इन पर चित्रण किया गया है जो ज्यामितिक संरचना से युक्त है तथा असावधानीपूर्वक किया गया है, अंतिम चरण में यहाँ से चित्रित धूसर मृद्पात्र परम्परा के मृद्भाण्ड मिले हैं। | *प्राप्त मृद्पात्रों में तश्तरी, ऊँची गर्दन युक्त मर्तबान है। | ||
*इन पर चित्रण किया गया है जो ज्यामितिक संरचना से युक्त है तथा असावधानीपूर्वक किया गया है, अंतिम चरण में यहाँ से चित्रित धूसर मृद्पात्र परम्परा के मृद्भाण्ड मिले हैं। | |||
Latest revision as of 06:15, 17 September 2011
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
- हरियाणा में हिसार ज़िले के मुख्यालय से 26 किमी. पश्चिम में चौतांग (द्वषद्वती नदी) के बायें किनारे पर सिसवाल स्थित है।
- इस पुरास्थल का उत्खनन सूरजभान के निर्देशन में हुआ था।
- उत्खनन से प्राप्त सामग्री के आधार पर विभिन्न सांस्कृतिक चरण बनाये गये हैं।
चरण
- सिसवाल के प्रथम चरण में लाल रंग के मृद्पात्र हैं जिन पर काले रंग से ज्यामितिक चित्रण किया गया है। सामान्यतः यह चरण प्राक कालीबंगा काल से सम्बन्धित है।
- सिसवाल के द्वितीय चरण में विकसित हड़प्पा संस्कृति के अवशेष मिलते हैं।
- सिसवाल के तृतीय चरण में विकसित हड़प्पा संस्कृति के साथ-साथ लुप्त होती हड़प्पा संस्कृति के अवशेष प्राप्त होते हैं।
- प्राप्त मृद्पात्रों में तश्तरी, ऊँची गर्दन युक्त मर्तबान है।
- इन पर चित्रण किया गया है जो ज्यामितिक संरचना से युक्त है तथा असावधानीपूर्वक किया गया है, अंतिम चरण में यहाँ से चित्रित धूसर मृद्पात्र परम्परा के मृद्भाण्ड मिले हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख