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स्केबीज चर्म रोग का संक्रमण परजीवी 'स्केबी' / 'सार्कोप्टिस स्केबीज' नामक एक छोटे से कीड़े के कारण हो जाता है। यह छूत की बीमारी तो है, लेकिन यह हवा, पानी अथवा सांस द्वारा नहीं फैलती | स्केबीज चर्म रोग का संक्रमण परजीवी 'स्केबी' / 'सार्कोप्टिस स्केबीज' नामक एक छोटे से कीटाणु/ कीड़े के कारण हो जाता है। यह छूत की बीमारी तो है, लेकिन यह हवा, पानी अथवा सांस द्वारा नहीं फैलती है। यह एक रोगी व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है। यह नमी की स्थिति के चलते पनपता है। बचों को इसका सबसे अधिक खतरा बना रहता है। यह सामान्यतया उन लोगों को होती है जो साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते। | ||
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स्कबीज में पहले पूरे शरीर में अत्यधिक खुजली होती है, जो रात के समय में अत्यधिक परेशान करती है। यह खुजली हाथों की उँगलियों के बीच, कोहनी पर, कलाई पर, कमर के चारों तरफ, शरीर के अंदरुनी अंगों, जननेंद्रिय पर अधिक होती है। इन स्थानों पर छोटी-छोटी फुंसियाँ, लाल रंग के दाने (रैशेज), खरोंचों के निशान आदि बन जाते हैं। जिसमें कभी-कभी इन्फेक्शन होकर मवाद भी पड़ सकता है। | |||
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इस संक्रमण में डाक्टर स्केबियोल इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यह सफेद रंग का एक घोल होता है, जिसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाया जाता है। हालांकि जल्द से जल्द डाक्टरी सलाह लेना बेहतर होगा। गर्दन से लेकर पूरे शरीर पर एंटीसेप्टिक क्रीम का प्रयोग करें। | इस संक्रमण में डाक्टर स्केबियोल इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यह सफेद रंग का एक घोल होता है, जिसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाया जाता है। हालांकि जल्द से जल्द डाक्टरी सलाह लेना बेहतर होगा। गर्दन से लेकर पूरे शरीर पर एंटीसेप्टिक क्रीम का प्रयोग करें। इस रोग से बचाव के लिए नियमित रूप से नहाना चाहिए। कपड़े गंदे न पहनें, अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें। यदि परिवार में एक व्यक्ति भी इस रोग से पीड़ित है तो रोगी के साथ सभी को अपना इलाज करवाना चाहिए। इलाज एक साथ करवाना चाहिए अन्यथा अन्य सदस्यों को दोबारा यह रोग लग सकता है। वैसे शरीर की साफ-सफाई रखी जाए एवं सही समय पर इलाज कराया जाए तो इसको और फैलने से रोका जा सकता। | ||
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स्केबीज (खुजली/ कण्डू रोग/ माईट-स्केबीज/ Scabies)
स्केबीज चर्म रोग का संक्रमण परजीवी 'स्केबी' / 'सार्कोप्टिस स्केबीज' नामक एक छोटे से कीटाणु/ कीड़े के कारण हो जाता है। यह छूत की बीमारी तो है, लेकिन यह हवा, पानी अथवा सांस द्वारा नहीं फैलती है। यह एक रोगी व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है। यह नमी की स्थिति के चलते पनपता है। बचों को इसका सबसे अधिक खतरा बना रहता है। यह सामान्यतया उन लोगों को होती है जो साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते।
लक्षण
स्कबीज में पहले पूरे शरीर में अत्यधिक खुजली होती है, जो रात के समय में अत्यधिक परेशान करती है। यह खुजली हाथों की उँगलियों के बीच, कोहनी पर, कलाई पर, कमर के चारों तरफ, शरीर के अंदरुनी अंगों, जननेंद्रिय पर अधिक होती है। इन स्थानों पर छोटी-छोटी फुंसियाँ, लाल रंग के दाने (रैशेज), खरोंचों के निशान आदि बन जाते हैं। जिसमें कभी-कभी इन्फेक्शन होकर मवाद भी पड़ सकता है।
उपाय
इस संक्रमण में डाक्टर स्केबियोल इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यह सफेद रंग का एक घोल होता है, जिसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाया जाता है। हालांकि जल्द से जल्द डाक्टरी सलाह लेना बेहतर होगा। गर्दन से लेकर पूरे शरीर पर एंटीसेप्टिक क्रीम का प्रयोग करें। इस रोग से बचाव के लिए नियमित रूप से नहाना चाहिए। कपड़े गंदे न पहनें, अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें। यदि परिवार में एक व्यक्ति भी इस रोग से पीड़ित है तो रोगी के साथ सभी को अपना इलाज करवाना चाहिए। इलाज एक साथ करवाना चाहिए अन्यथा अन्य सदस्यों को दोबारा यह रोग लग सकता है। वैसे शरीर की साफ-सफाई रखी जाए एवं सही समय पर इलाज कराया जाए तो इसको और फैलने से रोका जा सकता।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ