त्रिकंटक: Difference between revisions

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पौराणिक किंवदंती के अनुसार नासिक का नाम [[सत युग|सतयुग]] में [[पद्यनगर]], [[त्रेता युग|त्रेता]] में त्रिकंटक, [[द्वापर युग|द्वापर]] में [[जनस्थान]] और [[कलि युग|कलियुग]] में नासिक है।
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Revision as of 06:18, 25 November 2011

त्रिकंटक

पौराणिक किंवदंती के अनुसार नासिक का नाम सतयुग में पद्यनगर, त्रेता में त्रिकंटक, द्वापर में जनस्थान और कलियुग में नासिक है।

त्रिकंटक का अर्थ त्रिशूल, गोखरू, तिधारा, थूहर, जवासा, टेंगरा नाम की मछली भी होता है।

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