खोइया: Difference between revisions
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खोइया या 'खोयला' पूरे ब्रजमण्डल में विवाह के अवसर पर किया जाने वाला एक प्रमुख कृत्य है। यह कृत्य प्रमुख रूप से विवाह आदि वाले घरों में बारात चले जाने के बाद किया जाता है।
- लोक परम्परा के अनुसार पूरे ब्रजमण्डल में खोइया किया जाता है।
- बारात के चले जाने पर रात्रि काल में स्त्रियाँ तरह-तरह स्वाँग करती हैं।
- स्त्रियाँ नाटक, खेल-तमाशे और हँसी-मजाक आदि करती हैं, जिससे मनोरंजन और रात्रि जागरण हो सके।
- भाग लेने वाली स्त्रियाँ अनेक स्वांगों को भरती हैं, और अन्य स्त्रियों का मनोरंजन करती हैं
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय संस्कृति कोश, भाग-2 |प्रकाशक: यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन, नई दिल्ली-110002 |संपादन: प्रोफ़ेसर देवेन्द्र मिश्र |पृष्ठ संख्या: 268 |