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| *गोबी मरूस्थल मध्य [[एशिया]] में स्थित है, जो पूर्व से पश्चिम 1500 मील लम्बा तथा उत्तर से दक्षिण 700 मील चौड़ा है।
| | #REDIRECT [[गोबी मरुस्थल]] |
| *आजकल गोबी मरूस्थल एक रेगिस्तान है, लेकिन प्राचीनकाल में इस क्षेत्र के बीच-बीच में समृद्धशाली भारतीय बस्तियाँ बसी हुई थीं।
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| *सर औरेल स्टोन द्वारा पुरातात्त्विक खुदाई में बौद्ध स्तूपों, विहारों, [[बौद्ध]] एवं [[हिन्दू]] [[देवता|देवताओं]] की मूर्तियाँ, बहुत सी पांडुलिपियाँ तथा भारतीय भाषाओं एवं वर्णाक्षरों में बहुत से आलेखों के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
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| *इन अवशेषों के बीच घूमते हुए सर औरेल को यह अनुभव होने लगा था कि वे [[पंजाब]] के किसी प्राचीन गाँव में घूम रहे हैं।
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| *7वीं शताब्दी में सुप्रसिद्ध चीनी यात्री [[ह्वेन त्सांग]] इसी गोबी मरूस्थल के रास्ते से ही [[भारत]] में आया और फिर [[चीन]] वापस गया। उसे इस क्षेत्र में [[बौद्ध धर्म]] और भारतीय संस्कृति का प्राधान्य दिखाई दिया।
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| *ज्यों-ज्यों इस क्षेत्र में रेगिस्तान बढ़ता गया, त्यों-त्यों यहाँ पर [[भारत की संस्कृति|भारतीय संस्कृति]] के केन्द्र विलुप्त होते गये।<ref>पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश' पृष्ठ संख्या-134
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| ==संबंधित लेख==
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