वज्र अस्त्र: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 6: | Line 6: | ||
इसके ऊपर के तीन भाग तिरछे-टेढ़े बने होते हैं। बीच का हिस्सा पतला होता है। पर हाथ बड़ा वज़नदार होता है। इनका प्रयोग [[महाभारत|महाभारतकाल]] में किया जाता था। | इसके ऊपर के तीन भाग तिरछे-टेढ़े बने होते हैं। बीच का हिस्सा पतला होता है। पर हाथ बड़ा वज़नदार होता है। इनका प्रयोग [[महाभारत|महाभारतकाल]] में किया जाता था। | ||
{{अस्त्र शस्त्र}} | |||
[[Category:पौराणिक_कोश]] | [[Category:पौराणिक_कोश]] | ||
[[Category:महाभारत]] | [[Category:महाभारत]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 07:14, 25 May 2010
वज्र अस्त्र
ये दो प्रकार का होता है:-
- कुलिश वज्र
- अशानि वज्र
इसके ऊपर के तीन भाग तिरछे-टेढ़े बने होते हैं। बीच का हिस्सा पतला होता है। पर हाथ बड़ा वज़नदार होता है। इनका प्रयोग महाभारतकाल में किया जाता था।