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धनबाद [[भारत]] के [[झारखंड]] में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिए पूरे देश में मशहूर है। यह औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व वाणिज्यिक क्षेत्र में अग्रणी है। झारखंड में स्थित इस शहर को कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है।
धनबाद [[भारत]] के [[झारखंड]] में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिए पूरे देश में मशहूर है। यह औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व वाणिज्यिक क्षेत्र में अग्रणी है। झारखंड में स्थित इस शहर को कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है।
==यातायात व परिवहन==
==यातायात व परिवहन==

Revision as of 12:40, 29 May 2010

धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिए पूरे देश में मशहूर है। यह औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व वाणिज्यिक क्षेत्र में अग्रणी है। झारखंड में स्थित इस शहर को कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है।

यातायात व परिवहन

सड़क व रेल मार्ग के लिए धनबाद झारखण्ड में अपना विशेष स्थान बना चुका है वहीं वायुमार्ग के दृष्टिकोण से बरवाअड्डा इकाई पट्टी के विस्तारीकरण का काम तेजी से चल रहा है।  

कृषि और खनिज

यह शहर भारत में कोयलाखनन क्षेत्र में सबसे अमीर है। यहाँ पर कोयले की अनेक खदाने पायी जाती है।

उद्योग और व्यापार

कोयला उद्योग के लिए यह शहर पूरे देश में विख्यात है।

शिक्षण संस्थान

शैक्षणिक संस्थानों में इस शहर को पूरे देश में गौरव प्राप्त है। जिसमें कि कुछ मुख्य है-

  • इंडियन स्कूल ऑफ माइंस यूनिवर्सिटी- आई॰एस॰एम॰यू
  • बिहार इंस्ट्रीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
  • बी॰आई॰टी सिदंरी
  • सेंट्रल इंस्ट्रीट्यूट फॉर माइनिंग एण्ड फ्युअल रिसर्च (सी॰आई॰एम॰एफ॰आर)

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 24 लाख से अधिक है।

पर्यटन

पर्यटन के लिहाज़ से भी ये खदाने काफी महत्वपूर्ण है। देश विदेश से बड़ी संख्या में लोग इन खदानों को देखने आते है। इसके अलावा यहाँ एक भव्य दुर्गा मन्दिर है जो दीयपुर दलमी के नाम से जाना जाता है। इसके प्रमुख पर्यटन स्थल है-

  • पानर्रा
  • चारक
  • टोपचांची
  • मैथन 

जिनका संक्षिप्त विवरण निम्न है-

मैथन बाँध

यह धनबाद शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल है जो शहर से 52 किमी. दूर है। यह दामोदर घाटी परियोजना का सबसे बड़ा बाँध है। यहाँ तीन ओर से पहाड़ियों से घिरा जलाशय है। यह बाँध, बराकर नदी पर बाढ़ नियंत्रण के लिए बनाया गया है। यहाँ भूमिगत जल विद्युत केन्द्र स्थापित किया गया है, जो दक्षिण-पूर्व एशिया में अपनी तरह का पहला जलविद्युत केन्द्र है।

मैथन का क्षेत्रफल

मैथन के जलाशय का क्षेत्रफल 65 वर्ग किमी. है। इस झील में एक द्वीप पर एक विश्राम गृह बना है। जहाँ ठहरने, नाव व सैर करने और शौकिया मछली पकड़ने की सुविधाएँ हैं। पास में ही एक मृग उपवन और एक पक्षी विहार भी है।

तोपचांची झील

धनबाद से 37 किमी. दूर तोपचांची झील है। जो राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर 2 से लगभग सटी हुई है। यह एक कृत्रिम जलाशय है। जिसके चारों ओर पहाड़ियाँ और वन हैं। पिकनिक मनाने, नाव से सैर करने के लिए तथा शान्ति से छुट्टियाँ बिताने के लिए अत्यन्त सुन्दर स्थान है। यह एक वन्यप्राणी अभयारण्य भी है।

पंचेत बाँध

दामोदर घाटी परियोजना के अंतर्गत मैथन से 16 किमी. दूर पहाड़ी के पास पंचेत बाँध है। यह बाँध दामोदर घाटी परियोजना का सबसे लम्बा बाँध है। जिसकी लम्बाई 6 किमी. है। पिकनिक पर जाने के लिए उत्तम स्थल है। इसके समीप एक जलविद्युत केन्द्र की स्थापना की गई है।