द्रव नोदन प्रणाली केंद्र: Difference between revisions
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Latest revision as of 13:58, 6 July 2012
द्रव नोदक प्रणाली केंद्र 'इसरो' (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के प्रमोचन यान और अंतरिक्ष-यान कार्यक्रमों के लिए द्रव नोदन के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट केंद्र है। इस केंद्र की गतिविधियाँ वलियमाला (तिरुवनंतपुरम), महेंद्रगिरी और बैंगलोर में विस्तारित हैं।
मुख्यालय
एल.पी.एस.सी., वलियमाला मुख्यालय है। द्रव नोदक प्रणाली केंद्र को भूमि भण्डारण योग्य और निम्न तापीय नोदन पर अनुसंधान और विकास तथा इसे प्रमोचन यान तथा अंतरिक्ष यान के लिए इंजनों, चरणों, सम्बद्ध नियंत्रण प्रणालियाँ प्रदान करने का उत्तदायित्व सौंपा गया है।
उपलब्धियाँ
- पी.एस.एल.वी. के लिए द्रव रॉकेट चरण और नियंत्रण पॉवर संयंत्र
- जी.एस.एल.वी. के लिए द्रव चरण
- जियोसैट और आई.आर.एस. अंतरिक्ष यानों के लिए नोदन प्रणाली
- एस.पी.ई. के लिए नोदन प्रणाली
- ट्रांसड्यूसर विकास और उत्पादन
- एल.पी.एस.सी. ने कोवा नामक प्रशासनिक सॉफ़्टवेयर की सुपुर्दगी की है, जिसे फिलहाल इसरो के सभी केंद्रों में उपयोग किया जा रहा है।
योजनाएँ
विकासाधीन प्रमुख परियोजनाएँ हैं- जी.एस.एल.वी. मार्क-II के लिए निम्न तापीय ऊपरी चरण, द्रव रॉकेट कोर चरण और जी.एस.एल.वी. मार्क-III यान के लिए निम्न तापीय ऊपरी चरण और अर्ध-निम्नतापीय का विकास।
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