अहमदाबाद वड़ोदरा एक्सप्रेस वे: Difference between revisions

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'''अहमदाबाद-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे''' 95 किलोमीटर या 59 मील लंबा द्रुतगामी सड़क मार्ग है जो [[भारत]] के [[गुजरात]] राज्य में स्थित है। अहमदाबाद-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे के बनने से लोगों का यातायात संकट कम हो गया है। अहमदाबाद-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे '''राष्ट्रीय एक्सप्रेस 1''' (भारत) के रूप में जाना जाता है। यह मूल रूप से [[1970]] के दशक के दौरान बनाया गया था, लेकिन भूमि के उपयोग और राजनीतिक मुद्दों के कारण दशकों के लिए इसका कार्य देरी से किया गया था। इस तेज गति वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की परिकल्पना आज से 17 साल पहले की गई थी लेकिन किसी न किसी कारण से यह साल दर साल लटकती रही और फिर पूरी तरह से ठप हो गई। परियोजना को दोबारा शुरू करने का निर्णय दो [[साल]] पहले [[अगस्त]] [[2000]] में लिया गया और इसका निर्माण दायित्व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपा गया। एक सौ तीन गांवों से गुजरने वाले 94 किलोमीटर लम्बे हाई स्पीड एक्सप्रेस राजमार्ग को शीघ्र पूरा कराने के लिए आम जनता भी हरसंभव सहयोग दे रही है। इस एक्सप्रेस वे को [[2004]] में खोला गया।<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/28788009.cms|title= एक्सप्रेस वे से घंटे भर में तय होगी अहमदाबाद से वड़ोदरा की दूरी|accessmonthday=5 सितम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}} </ref>  
'''अहमदाबाद-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे''' 95 किलोमीटर या 59 मील लंबा द्रुतगामी सड़क मार्ग है जो [[भारत]] के [[गुजरात]] राज्य में स्थित है। अहमदाबाद-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे के बनने से लोगों का यातायात संकट कम हो गया है। अहमदाबाद-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे '''राष्ट्रीय एक्सप्रेस 1''' (भारत) के रूप में जाना जाता है। यह मूल रूप से [[1970]] के दशक के दौरान बनाया गया था, लेकिन भूमि के उपयोग और राजनीतिक मुद्दों के कारण दशकों के लिए इसका कार्य देरी से किया गया था। इस तेज गति वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की परिकल्पना आज से 17 साल पहले की गई थी लेकिन किसी न किसी कारण से यह साल दर साल लटकती रही और फिर पूरी तरह से ठप हो गई। परियोजना को दोबारा शुरू करने का निर्णय दो [[साल]] पहले [[अगस्त]] [[2000]] में लिया गया और इसका निर्माण दायित्व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपा गया। एक सौ तीन गांवों से गुजरने वाले 94 किलोमीटर लम्बे हाई स्पीड एक्सप्रेस राजमार्ग को शीघ्र पूरा कराने के लिए आम जनता भी हरसंभव सहयोग दे रही है। इस एक्सप्रेस वे को [[2004]] में खोला गया।<ref name="mcc">{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/28788009.cms|title= एक्सप्रेस वे से घंटे भर में तय होगी अहमदाबाद से वड़ोदरा की दूरी|accessmonthday=5 सितम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}} </ref>  
==अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों पर खरा==
==अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों पर खरा==
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==विशेष पुल व मार्ग==
==विशेष पुल व मार्ग==
राजमार्ग को निर्बाध रखने के लिए 27 ऊपरी पुल बनाए गए हैं। क्षेत्र के किसानों की सुविधा को ध्यान में रख कर तथा मवेशियों के लिए सड़क पार आने-जाने के लिए राजमार्ग से नीचे से 11 विशेष मार्ग निमिर्त किए जा रहे हैं। रेलगाडि़यों के लिए भी हाई वे के नीचे तीन जगहों पर रेलवे क्रॉसिंग बनाए जा रहे हैं। यही नहीं इस अनूठे राजमार्ग से [[आणंद]] और नडियाड शहर जाने वाले वाहनों के लिए दो इंटरचेंज क्रासिंग इस तरह से बनाए जा रहे हैं ताकि हाई वे पर दौड़ रहे वाहनों को अपनी गति कम न करनी पड़े।<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/28788009.cms|title= एक्सप्रेस वे से घंटे भर में तय होगी अहमदाबाद से वड़ोदरा की दूरी|accessmonthday=5 सितम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}} </ref>
राजमार्ग को निर्बाध रखने के लिए 27 ऊपरी पुल बनाए गए हैं। क्षेत्र के किसानों की सुविधा को ध्यान में रख कर तथा मवेशियों के लिए सड़क पार आने-जाने के लिए राजमार्ग से नीचे से 11 विशेष मार्ग निमिर्त किए जा रहे हैं। रेलगाडि़यों के लिए भी हाई वे के नीचे तीन जगहों पर रेलवे क्रॉसिंग बनाए जा रहे हैं। यही नहीं इस अनूठे राजमार्ग से [[आणंद]] और नडियाड शहर जाने वाले वाहनों के लिए दो इंटरचेंज क्रासिंग इस तरह से बनाए जा रहे हैं ताकि हाई वे पर दौड़ रहे वाहनों को अपनी गति कम न करनी पड़े।<ref name="mcc"/>


    
    

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अहमदाबाद-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे 95 किलोमीटर या 59 मील लंबा द्रुतगामी सड़क मार्ग है जो भारत के गुजरात राज्य में स्थित है। अहमदाबाद-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे के बनने से लोगों का यातायात संकट कम हो गया है। अहमदाबाद-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे राष्ट्रीय एक्सप्रेस 1 (भारत) के रूप में जाना जाता है। यह मूल रूप से 1970 के दशक के दौरान बनाया गया था, लेकिन भूमि के उपयोग और राजनीतिक मुद्दों के कारण दशकों के लिए इसका कार्य देरी से किया गया था। इस तेज गति वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की परिकल्पना आज से 17 साल पहले की गई थी लेकिन किसी न किसी कारण से यह साल दर साल लटकती रही और फिर पूरी तरह से ठप हो गई। परियोजना को दोबारा शुरू करने का निर्णय दो साल पहले अगस्त 2000 में लिया गया और इसका निर्माण दायित्व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपा गया। एक सौ तीन गांवों से गुजरने वाले 94 किलोमीटर लम्बे हाई स्पीड एक्सप्रेस राजमार्ग को शीघ्र पूरा कराने के लिए आम जनता भी हरसंभव सहयोग दे रही है। इस एक्सप्रेस वे को 2004 में खोला गया।[1]

अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों पर खरा

अहमदाबाद से नडियाड और नडियाड से बड़ोदरा तक दो चरणों में बन रहे इस एक्सप्रेस वे की विशेषता यह है कि इस सीधे-सपाट , तीन-तीन लेनों वाले राजमार्ग पर न तो किसी क्रॉसिंग का प्रावधान है और न ही कोई मोड़ या स्पीड अवरोधक। अंतरराष्ट्रीय मानदंडों पर पूरी तरह से खरा उतरने वाले इस आधुनिक हाई वे पर लम्बी दूरी तक वाहनों की रफ्तार औसतन एक सौ प्रति किलोमीटर तक आसानी से रखी जा सकेगी। वाहन चालकों को कम से कम ब्रेक का इस्तेमाल करना पड़ेगा।

विशेष पुल व मार्ग

राजमार्ग को निर्बाध रखने के लिए 27 ऊपरी पुल बनाए गए हैं। क्षेत्र के किसानों की सुविधा को ध्यान में रख कर तथा मवेशियों के लिए सड़क पार आने-जाने के लिए राजमार्ग से नीचे से 11 विशेष मार्ग निमिर्त किए जा रहे हैं। रेलगाडि़यों के लिए भी हाई वे के नीचे तीन जगहों पर रेलवे क्रॉसिंग बनाए जा रहे हैं। यही नहीं इस अनूठे राजमार्ग से आणंद और नडियाड शहर जाने वाले वाहनों के लिए दो इंटरचेंज क्रासिंग इस तरह से बनाए जा रहे हैं ताकि हाई वे पर दौड़ रहे वाहनों को अपनी गति कम न करनी पड़े।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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