अहमदाबाद
अहमदाबाद
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विवरण | वर्तमान समय में अहमदाबाद को भारत के गुजरात प्रांत की राजधानी होने के साथ साथ अहमदाबाद को एक प्रमुख औद्योगिक शहर के रूप में जाना जाता है। |
राज्य | गुजरात |
ज़िला | अहमदाबाद |
निर्माता | अहमदशाह |
निर्माण काल | सन 1411 |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 23°02′- पूर्व- 72°35′ |
मार्ग स्थिति | अहमदाबाद गांधीनगर से 27 किमी, पोरबंदर से 392 किमी, दिल्ली से 961 किमी की दूरी पर स्थित है। |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है। |
हवाई अड्डा | सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डा |
रेलवे स्टेशन | अहमदाबाद रेलवे स्टेशन |
यातायात | मेट्रो, सिटी बस, टैक्सी, रिक्शा, ऑटो रिक्शा |
क्या देखें | साबरमती आश्रम, जामा मस्जिद, काँकरिया झील, स्वामीनारायण मंदिर, जैन मन्दिर, आदि |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
क्या खायें | ढोकला, खांडवी, श्रीखण्ड, हांडवो, भजिया, आदि |
एस.टी.डी. कोड | 079 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
चित्र:Map-icon.gif | गूगल मानचित्र |
भाषा | गुजराती, हिन्दी, अंग्रेज़ी |
त्योहार | नवरात्र, मकर संक्रांति के पर्व पर मनाया जाने वाला पतंग उत्सव |
अन्य जानकारी | अहमदाबाद को भारत का मेनचेस्टर भी कहा जाता है। |
अद्यतन | 10:44, 25 जनवरी 2012 (IST)
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अहमदाबाद शहर, अहमदाबाद ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, गुजरात राज्य, पश्चिम-मध्य भारत में, साबरमती नदी के तट पर मुम्बई (भूतपूर्व बंबई) के उत्तर में स्थित है।
स्थापना
अहमदाबाद शहर का नाम सुल्तान अहमद शाह के नाम पर रखा गया है। सन् 1411 ई. में गुजरात के तत्कालीन शासक सुल्तान अहमद शाह ने प्राचीन हिन्दू शहर असावल के निकट अहमदाबाद की स्थापना की थी। अहमदाबाद को भारत का मेनचेस्टर भी कहा जाता है। वर्तमान समय में अहमदाबाद को भारत के गुजरात प्रांत की राजधानी होने के साथ साथ अहमदाबाद को एक प्रमुख औद्योगिक शहर के रूप में जाना जाता है। ऐतिहासिक तौर पर, अहमदाबाद भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान प्रमुख शिविर आधार रहा है। महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम की स्थापना अहमदाबाद में की और स्वतंत्रता संघर्ष से जुड़ें अनेक आन्दोलन की शुरुआत भी यहीं से हुई थी। ऊन की बुनाई के लिए भी अहमदाबाद काफ़ी प्रसिद्ध है। इसके साथ ही अहमदाबाद शहर व्यापार और वाणिज्य केन्द्र के रूप में बहुत अधिक विकसित हो रहा है।
इतिहास
अहमदाबाद शहर एक सदी के अन्दर ही यह एक धनाढ्य एवं विशाल शहर के रूप में उभरकर सामने आ गया था, लेकिन सल्तनतों की उठापटक व अराजकता से अहमदाबाद का पतन हुआ और सन् 1572 ई. में मुग़ल बादशाह अकबर ने अहमदाबाद पर क़ब्ज़ा कर लिया। सन् 1707 ई. में औरंगज़ेब की मृत्यु के साथ ही इसके पुनरोद्वार का मुग़ल अभियान भी समाप्त हो गया और सन् 1818 ई. में अंग्रेज़ों के द्वारा गुजरात के अधिग्रहण के साथ ही इसका और भी अधिक पतन हुआ। सन् 1859 से 1861 ई. में अहमदाबाद में सूती वस्त्र की पहली मिल स्थापित हुई और शीघ्र ही यह भारत का छठा सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर और विशाल अंतर्देशीय औद्योगिक केन्द्र बन गया। सन् 1960 ई. में अहमदाबाद को गुजरात राज्य की अस्थायी राजधानी बनाया गया। सन् 1970 ई. में राज्य प्रशासन गांधीनगर स्थानांतरित हो गया। अहमदाबाद में हिन्दू, मुस्लिम व जैन वास्तुशिल्प का मिलन होता है और इसके प्राचीन वास्तु अवशेष नई मिलों और कारख़ानों की वास्तुकला के बिल्कुल विपरीत हैं। thumb|250px|left|स्वामीनारायण मंदिर, अहमदाबाद अहमदाबाद साबरमती या प्राचीन साभ्रमती के तट पर बसा हुआ नगर है। सन् 1411 ई. में अहमदशाह बहमनी ने अहमदाबाद की नींव प्राचीन हिन्दू नगर असावल या आशापल्ली के स्थान पर रखी थी। इससे पहले गुजरात की राजधानी अन्हलवाड़ा या पाटन और उससे भी पहले बलभि में थी। जैन स्तोत्र तीर्थ मालाचैत्य वंदन में संभवत: अहमदाबाद को करणावती कहा गया है-[1] सन् 1273 ई. से 1700 ई. तक अहमदाबाद की समृद्धि गुजरात की राजधानी के रूप में बढ़ी-चढ़ी रही। 1615 ई. में सर टामस रो ने अहमदाबाद को तत्कालीन लंदन के बराबर बड़ा नगर बताया था। 1638 ई. में एक यूरोपीय पर्यटक ने अहमदाबाद के विषय में लिखा था कि संसार की कोई जाति या एशिया की कोई वस्तु ऐसी नहीं है जो अहमदाबाद में न दिखाई पड़े –
There is scarce any nation in the world or any commodity in Asia but may not be seen in this city.
आश्चर्य नहीं कि शाहजहाँ ने मुमताज़महल से विवाह के पश्चात् अपने जीवन के कई सुखद वर्ष अहमदाबाद में बिताए थे।
सुलतानों द्वारा बनवाए भवन
अहमदाबाद की तत्कालीन समृद्धि का कारण इसका सूरत आदि बड़े बंदरगाहों के पृष्ठ-प्रदेश में स्थित होना था। इसीलिए इसे गुजरात की राजधानी बनाया गया था। गुजरात के सुलतानों के बनवाए हुए यहाँ अनेक भवन आज भी वर्तमान में हैं जो हिन्दू-मुस्लिम वास्तुकला के संगम के सुंदर उदाहरण हैं। गुजरात में इस मिश्रशैली की नींव डालने वाला सुलतान अहमदशाह ही था।
- इन भवनों में पत्थर की जाली और नक़्क़ाशी का काम सराहनीय है।
- यहाँ के स्मारकों में जामा मस्जिद (1424 ई.) मुख्य है। इसमें 260 स्तंभ है।
- अहमदशाह की बेगमों के मक़बरों को रानी की हजरा कहा जाता है।
- रानी सिप्री की मसजिद 50X20 फुट के परिमाण में बनी है।
- सीदी-सैयद की मसजिद पत्थर की जालियों से सज्जित खिड़कियों के लिए प्रख्यात है।
- अहमदाबाद के दक्षिण फाटक- राजपुर से पौन मील पर कांकरिया झील है जिसे सन् 1451 ई. में सुलतान कुतुबुद्दीन ने बनवाया था। झील के मध्य में एक टापू है।
- यहाँ एक दुर्ग का निर्माण भी किया गया था। अहमदाबाद में समृद्धि की विपुलता होते हुए भी एक बड़ा दोष यह था कि यहाँ धूल बहुत उड़ती थी, जिसके कारण जहाँगीर ने नगर का नाम ही गर्दाबाद रख दिया था।
thumb|250px|रेलवे स्टेशन, अहमदाबाद
यातायात और परिवहन
अहमदाबाद से मुम्बई, मध्य भारत, काठियावाड़ प्रायद्वीप और राजस्थान सीमा की ओर सड़कें जाती हैं। अहमदाबाद पश्चिमी रेलवे का प्रमुख जंक्शन है और दिल्ली, मुम्बई व काठियावाड़ प्रायद्वीप से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा है।
व्यापार और उद्योग
अहमदाबाद की लगभग आधी आबादी सूती वस्त्र उद्योग तथा अन्य लघु उद्यमों पर आश्रित है।
शिक्षण संस्थान
अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय (1949) और लालभाई दलपतभाई भारत विद्या शोध संस्थान हैं।
जनसंख्या
अहमदाबाद शहर की जनसंख्या (2001 की गणना के अनुसार) 35,15,361 है।
पूर्व का बोस्टन
अहमदाबाद शहर भारत का दूसरा प्रमुख सूती वस्त्र उत्पादन शहर है। अहमदाबाद को पूर्व का बोस्टन कहा जाता है, क्योंकि अहमदाबाद एक बहुत बड़ा व्यापारिक केंद्र और बंदरगाह है। बोस्टन शहर अमेरिका का प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र और बंदरगाह है जो अमेरिका के मासेचुसेट्स राज्य की राजधानी और इस राज्य का सबसे बड़ा नगर भी है। बोस्टन अपनी व्यापारिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध रहा है, उसी प्रकार अहमदाबाद भी भारत का प्रमुख व्यापारिक केंद्र और एक बड़ा बंदरगाह है। यहां पर वस्त्र उद्योग काफी सुदृढ संगठित और सुदृढ़ है।
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वीथिका
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अदलज वव, अहमदाबाद
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मकर संक्रांति पर्व, अहमदाबाद
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साबरमती आश्रम, अहमदाबाद
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मकर संक्रांति की शाम का नजारा, अहमदाबाद
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साबरमती नदी, अहमदाबाद
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थोल झील, अहमदाबाद
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जामा मस्जिद, अहमदाबाद
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 'वेदे श्रीकरणावती शिवपुरे नागद्रहे नाणके'।
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