गोवा की जलवायु: Difference between revisions

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*गोवा में औसतन 250 से 325 सें. मी. बारिश होती है। इस मौसम में केवल तीन से पांच घंटे ही सूरज की रोशनी मिलती है।  
*गोवा में औसतन 250 से 325 सें. मी. बारिश होती है। इस मौसम में केवल तीन से पांच घंटे ही सूरज की रोशनी मिलती है।  
*मानसून के आरंभ में उमस बहुत बढ़ जाती है, लेकिन जैसे-जैसे मानसून रफ़्तार पकड़ने लगता है, मौसम बड़ा सुहावना तथा खुशनुमा हो जाता है।  
*मानसून के आरंभ में उमस बहुत बढ़ जाती है, लेकिन जैसे-जैसे मानसून रफ़्तार पकड़ने लगता है, मौसम बड़ा सुहावना तथा खुशनुमा हो जाता है।  
*[[अक्टूबर]] से [[फरवरी]] के बीच तो आसमान बेहद साफ रहता है, बादलों नामोनिशान नहीं रहता और मार्च के मध्य में उमस होनी शुरू हो जाती है, क्योंकि मानसून आने वाला होता है। 
*[[अक्टूबर]] से [[फरवरी]] के बीच तो आसमान बेहद साफ़ रहता है, बादलों नामोनिशान नहीं रहता और मार्च के मध्य में उमस होनी शुरू हो जाती है, क्योंकि मानसून आने वाला होता है। 





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गोवा की जलवायु एकरूप है और यहाँ पर जून से सितम्बर के बीच दक्षिणी-पश्चिमी मानसून से वर्षा होती है।

मौसम

  • गोवा का मौसम बेहद शांत है, लेकिन जून से सितंबर के अंतिम सप्ताह तक मानसून की हलचल रहती है। कई पर्यटक तो गोवा में ख़ासतौर से मानसून का आनन्द लेने पहुँचते हैं।
  • गोवा में औसतन 250 से 325 सें. मी. बारिश होती है। इस मौसम में केवल तीन से पांच घंटे ही सूरज की रोशनी मिलती है।
  • मानसून के आरंभ में उमस बहुत बढ़ जाती है, लेकिन जैसे-जैसे मानसून रफ़्तार पकड़ने लगता है, मौसम बड़ा सुहावना तथा खुशनुमा हो जाता है।
  • अक्टूबर से फरवरी के बीच तो आसमान बेहद साफ़ रहता है, बादलों नामोनिशान नहीं रहता और मार्च के मध्य में उमस होनी शुरू हो जाती है, क्योंकि मानसून आने वाला होता है। 



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