कार्बन तिथि निर्धारण: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''कार्बन तिथि निर्धारण''' प्रकृति में विद्यमान कार्बनिक पदार्थो में कार्बन के रेडियोएक्टिव प्रतिरूप व सामान्य [[कार्बन]] के अनुपात के आधार पर उस पदार्थ की आयु बता सकता है।  
'''कार्बन तिथि निर्धारण''' प्रकृति में विद्यमान कार्बनिक पदार्थो में कार्बन के रेडियोएक्टिव प्रतिरूप व सामान्य [[कार्बन]] के अनुपात के आधार पर उस पदार्थ की आयु बता सकने की विधि को कहते है।  
*रेडियो एक्टिविटी एक ऐसी प्रवृति है जिसमें किसी पदार्थ से स्वतः [[पदार्थ]] का क्षय होता रहता है।  
*रेडियो एक्टिविटी एक ऐसी प्रवृति है जिसमें किसी पदार्थ से स्वतः [[पदार्थ]] का क्षय होता रहता है।  
*पदार्थ का यह क्षय ऐसी विशिष्ठ [[गति]] से होता है कि वह पदार्थ अनन्त समय मे शून्य होता है।  
*पदार्थ का यह क्षय ऐसी विशिष्ठ [[गति]] से होता है कि वह पदार्थ अनन्त समय मे शून्य होता है।  
*वास्तव में कार्बन का का एक ऐसा प्रतिरूप भी है जो समय के साथ साथ एक से क्षय होता रहता है।  
*वास्तव में कार्बन का का एक ऐसा प्रतिरूप भी है जो समय के साथ साथ एक से क्षय होता रहता है।  
*किसी समय उस पदार्थ में उपलब्ध कार्बन के दोनों प्रतिरूपों का अनुपात उस पदार्थ की आयु बता सकता है।  
*किसी समय उस पदार्थ में उपलब्ध कार्बन के दोनों प्रतिरूपों का अनुपात उस पदार्थ की आयु बता सकता है।  
*[[विज्ञान]] की यह विधि प्राचीन [[अवशेष|अवशेषों]] के माध्यम से आयु की गणना हेतु प्रयोग में लायी जाती है।  
*[[विज्ञान]] की यह विधि प्राचीन [[अवशेष|अवशेषों]] के माध्यम से पदार्थ की आयु गणना हेतु प्रयोग में लायी जाती है।  





Revision as of 01:46, 12 February 2013

कार्बन तिथि निर्धारण प्रकृति में विद्यमान कार्बनिक पदार्थो में कार्बन के रेडियोएक्टिव प्रतिरूप व सामान्य कार्बन के अनुपात के आधार पर उस पदार्थ की आयु बता सकने की विधि को कहते है।

  • रेडियो एक्टिविटी एक ऐसी प्रवृति है जिसमें किसी पदार्थ से स्वतः पदार्थ का क्षय होता रहता है।
  • पदार्थ का यह क्षय ऐसी विशिष्ठ गति से होता है कि वह पदार्थ अनन्त समय मे शून्य होता है।
  • वास्तव में कार्बन का का एक ऐसा प्रतिरूप भी है जो समय के साथ साथ एक से क्षय होता रहता है।
  • किसी समय उस पदार्थ में उपलब्ध कार्बन के दोनों प्रतिरूपों का अनुपात उस पदार्थ की आयु बता सकता है।
  • विज्ञान की यह विधि प्राचीन अवशेषों के माध्यम से पदार्थ की आयु गणना हेतु प्रयोग में लायी जाती है।




पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख