शंख स्मृति: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==टीका टिप्पणी==" to "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
Line 3: | Line 3: | ||
*इनके अतिरिक्त तर्पण विधि, [[श्राद्ध]]कर्मादि, श्राद्धाधिकारी ब्राह्मणों की योग्य ता, जन्ममरण अशौच का वर्णन, द्रव्य शुद्धि, पात्र शुद्धि, प्रायश्चित्त विधान एवं प्रायश्चित्त व्रतों का भी वर्णन मिलता है। | *इनके अतिरिक्त तर्पण विधि, [[श्राद्ध]]कर्मादि, श्राद्धाधिकारी ब्राह्मणों की योग्य ता, जन्ममरण अशौच का वर्णन, द्रव्य शुद्धि, पात्र शुद्धि, प्रायश्चित्त विधान एवं प्रायश्चित्त व्रतों का भी वर्णन मिलता है। | ||
==टीका टिप्पणी== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
[[Category:साहित्य कोश]][[Category:स्मृति ग्रन्थ]] | [[Category:साहित्य कोश]][[Category:स्मृति ग्रन्थ]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 15:13, 15 June 2010
- 18 अध्यायों 350 श्लोकों में शंख रचित इस स्मृति का 12-13 अध्याय गद्य-पद्य मय है।
- इसके 18 अध्यायों के वर्ण्य विषयों में चारों वर्णों के कर्त्तव्य कर्म, गर्भाधान से लेकर यज्ञोपवीत-संस्कार तक वर्णन, ब्रह्मचारी के धर्म, सदाचार, अष्टविधि विवाहों का संक्षिप्त वर्णन, पंचमहाचज्ञों के अनुष्ठानों का विधान, वानप्रस्थ-संन्यास धर्म निरूपण-योग-प्राणायाम वर्णन, ध्यान का महत्त्व, नित्यनैमित्तिक काम्य, क्रियांग षड्विधानों का वर्णन, क्रियास्नान, तीर्थस्थान विधि एवं महिमा, हाथों में विविधतीर्थ का निरूपण, आचमन विधि, अंगस्पर्श, सन्ध्या की महिमा, अघमर्षण विधि, गायत्रीजप विधि-विधान, गायत्री महिमा वर्णित है, गायत्री पापनाशिनी है- गायत्रीवेदजननी गायत्री पापनाशिनी/गायत्र्या: परमं नाऽस्ति दिवि चेह पावनम्।[1]
- इनके अतिरिक्त तर्पण विधि, श्राद्धकर्मादि, श्राद्धाधिकारी ब्राह्मणों की योग्य ता, जन्ममरण अशौच का वर्णन, द्रव्य शुद्धि, पात्र शुद्धि, प्रायश्चित्त विधान एवं प्रायश्चित्त व्रतों का भी वर्णन मिलता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 12/24-25