जोवा-डी-कैस्ट्रो: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "महत्वपूर्ण" to "महत्त्वपूर्ण") |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
*इसी की प्रेरणा से 1518 ई. में पुर्तग़ालियों ने कोलम्बो में और फिर मलक्का में कारखानों की स्थापना की। | *इसी की प्रेरणा से 1518 ई. में पुर्तग़ालियों ने कोलम्बो में और फिर मलक्का में कारखानों की स्थापना की। | ||
*[[गोवा]] को पुर्तग़ालियों ने अपनी सत्ता और संस्कृति के महत्त्वपूर्ण केन्द्र के रूप में स्थापित किया। | *[[गोवा]] को पुर्तग़ालियों ने अपनी सत्ता और संस्कृति के महत्त्वपूर्ण केन्द्र के रूप में स्थापित किया। | ||
*1559 ई. तक पुर्तग़ालियों ने गोवा, [[दमन और दीव]], | *1559 ई. तक पुर्तग़ालियों ने गोवा, [[दमन और दीव]], [[सालसेट द्वीप]], [[बसीन]], [[चैल हिमाचल प्रदेश|चैल]], [[मुम्बई]], सान्थोमी और हुगली पर अपना अधिकार कर लिया। | ||
*पुर्तग़ाली पड़ोसी राज्यों में भारतीयों को ही राजदूत और जासूस बनाकर भेजते थे। | *पुर्तग़ाली पड़ोसी राज्यों में भारतीयों को ही राजदूत और जासूस बनाकर भेजते थे। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
Latest revision as of 10:43, 26 June 2013
- नीनो-डी-कुन्हा के बाद जोवा-डी-कैस्ट्रो भारत का अगला पुर्तग़ाली वायसराय नियुक्त हुआ।
- इसी की प्रेरणा से 1518 ई. में पुर्तग़ालियों ने कोलम्बो में और फिर मलक्का में कारखानों की स्थापना की।
- गोवा को पुर्तग़ालियों ने अपनी सत्ता और संस्कृति के महत्त्वपूर्ण केन्द्र के रूप में स्थापित किया।
- 1559 ई. तक पुर्तग़ालियों ने गोवा, दमन और दीव, सालसेट द्वीप, बसीन, चैल, मुम्बई, सान्थोमी और हुगली पर अपना अधिकार कर लिया।
- पुर्तग़ाली पड़ोसी राज्यों में भारतीयों को ही राजदूत और जासूस बनाकर भेजते थे।
|
|
|
|
|