पहेली 3 अक्तूबर 2013: Difference between revisions

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{मनुष्यत्व की सामान्य भावना को आगे करके निम्न श्रेणी की जनता में आत्म-गौरव का भाव जगाने वाले सर्वश्रेष्ठ कवि कौन थे?
{"दु:ख में सुमिरन सब करें, सुख में करे न कोय" यह पंक्ति किसने कही है?
|type="()"}
|type="()"}
-[[मीराबाई]]
-[[सूरदास]]
-[[तुलसीदास]]
-[[तुलसीदास]]
+[[कबीर]]
+[[कबीरदास]]
-[[जायसी]]
||[[चित्र:Kabirdas-2.jpg|कबीरदास|100px|right]][[कबीरदास]] के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे [[रामानन्द|गुरु रामानन्द]] स्वामी के आशीर्वाद से [[काशी]] की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी। उसे नीरु नाम का जुलाहा अपने घर ले आया। उनकी माता का नाम 'नीमा' था। उसी ने उनका पालन-पोषण किया। बाद में यही बालक 'कबीर' कहलाया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबीरदास]]
-[[सूरदास]]
||[[चित्र:Sant-Kabirdas.jpg|right|100px|link=कबीर]] महात्मा कबीरदास के जन्म के समय में [[भारत]] की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक दशा शोचनीय थी। एक तरफ मुसलमान शासकों की धर्मांन्धता से जनता परेशान थी और दूसरी तरफ [[हिन्दू धर्म]] के कर्मकांड, विधान और पाखंड से धर्म का ह्रास हो रहा था। जनता में भक्ति- भावनाओं का सर्वथा अभाव था। पंडितों के पाखंडपूर्ण वचन समाज में फैले थे। ऐसे संघर्ष के समय में, कबीरदास का प्रार्दुभाव हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कबीरदास]]
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{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 2 अक्तूबर 2013]] |अगली=[[पहेली 4 अक्तूबर 2013]]}}
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Revision as of 10:29, 3 October 2013