पहेली 14 अक्तूबर 2013: Difference between revisions
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||[[पांडव|पांडवों]] ने अपने मामा [[शल्य]] को युद्ध में सहायतार्थ आमन्त्रित किया। शल्य अपनी विशाल सेना के साथ पांडवों की ओर जा रहा था। मार्ग में [[दुर्योधन]] ने उन सबका अतिथि-सत्कार कर उन्हें प्रसन्न कर लिया। शल्य ने [[महाभारत]] युद्ध में सक्रिय भाग लिया। [[कर्ण]] के सेनापति बनने पर उसकी सलाह से दुर्योधन ने शल्य से कर्ण का सारथी बनने की प्रार्थना की। शल्य को यह प्रस्ताव अपमानजनक लगा। अत: वह दुर्योधन की सभा से उठकर जाने लगा। दुर्योधन ने बहुत समझा-बुझाकर तथा उसे [[श्रीकृष्ण]] से भी श्रेयस्कर बताकर सारथी का कार्यभार उठाने के लिए तैयार कर लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शल्य]] | ||[[पांडव|पांडवों]] ने अपने मामा [[शल्य]] को युद्ध में सहायतार्थ आमन्त्रित किया। शल्य अपनी विशाल सेना के साथ पांडवों की ओर जा रहा था। मार्ग में [[दुर्योधन]] ने उन सबका अतिथि-सत्कार कर उन्हें प्रसन्न कर लिया। शल्य ने [[महाभारत]] युद्ध में सक्रिय भाग लिया। [[कर्ण]] के सेनापति बनने पर उसकी सलाह से दुर्योधन ने शल्य से कर्ण का सारथी बनने की प्रार्थना की। शल्य को यह प्रस्ताव अपमानजनक लगा। अत: वह दुर्योधन की सभा से उठकर जाने लगा। दुर्योधन ने बहुत समझा-बुझाकर तथा उसे [[श्रीकृष्ण]] से भी श्रेयस्कर बताकर सारथी का कार्यभार उठाने के लिए तैयार कर लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शल्य]] | ||
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{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली | {{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 13 अक्तूबर 2013]] |अगली=[[पहेली 15 अक्तूबर 2013]]}} | ||
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