शकुन्तला देवी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Adding category Category:आधुनिक लेखक (को हटा दिया गया हैं।))
Line 66: Line 66:
[[Category:समाज कोश]]
[[Category:समाज कोश]]
[[Category:गणितज्ञ]]
[[Category:गणितज्ञ]]
[[Category:आधुनिक लेखक]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 13:24, 5 November 2013

शकुन्तला देवी
पूरा नाम शकुन्तला देवी
अन्य नाम मानव कंप्यूटर
जन्म 4 नवम्बर 1929
जन्म भूमि बंगलोर, कर्नाटक
मृत्यु 21 अप्रैल 2013
मृत्यु स्थान बेंगळूरू, कर्नाटक
मुख्य रचनाएँ फन विद नंबर्स, एस्ट्रोलॉजी फॉर यू, पजल्स टू पजल्स यू, मैथब्लीट
विषय गणित, ज्योतिष
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी जटिल गणितीय गणनाएं अत्यंत सरलता से मौखिक रूप से हल करने की कुशलता की वजह से उन्हें मानव कम्प्यूटर का नाम दिया गया।

शकुन्तला देवी (अंग्रेज़ी: Shakuntala Devi, जन्म: 4 नवम्बर 1929 - मृत्यु: 21 अप्रैल 2013) जिन्हें आम तौर पर "मानव कम्प्यूटर" के रूप में जाना जाता है, बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा की धनी एवं मानसिक परिकलित्र (गणितज्ञ) थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनका नाम 1982 में ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में भी शामिल किया गया। शकुन्तला देवी के अंदर पिछली सदी की किसी भी तारीख का दिन क्षण भर में बताने की क्षमता थी। उन्होंने कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की थी। वह ज्योतिषी भी थीं।[1] इनके 84वें जन्मदिन पर 4 नवम्बर 2013 को गूगल ने उनके सम्मान में उन्हें गूगल डूडल समर्पित किया।

जीवन परिचय

शकुन्तला देवी का जन्म कर्नाटक की राज्यधानी बंगलौर नामक महानगर में एक रुढ़ीवादी कन्नड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। शकुन्तला देवी के पिता सर्कस में करतब दिखाते थे। वह 3 वर्ष की उम्र में जब अपने पिता के साथ ताश खेल रही थीं तभी उनके पिता ने पाया कि उनकी बेटी में मानसिक योग्यता के सवालों को हल करने की क्षमता है। left|thumb|शकुन्तला देवी के सम्मान में गूगल का डूडल शकुंतला ने 6 वर्ष की उम्र में मैसूर विश्वविद्यालय में एक बड़े कार्यक्रम में अपनी गणना क्षमता का प्रदर्शन किया। वर्ष 1977 में शकुंतला ने 201 अंकों की संख्या का 23वां वर्गमूल बिना कागज़ कलम के निकाल दिया। उन्होने 13 अंकों वाली 2 संख्याओं का गुणनफल 26 सेकंड बता दिया था।[1]आर्थिक तंगी के चलते उन्हें दस साला होने पर ही संत थेरेसा कोंवेंट चमाराजपेट में कक्षा 1 में भर्ती किया जा सका। माँ बाप के पास स्कूल की फीस (शुल्क मात्र दो रुपया प्रति माह) देने के लिए भी पैसे नहीं थे लिहाजा तीन माह के बाद ही उन्हें स्कूल से चलता कर दिया गया। तकरीबन गुट्टाहल्ली का झोंपड पट्टी नुमा इलाका ही था गाविपुरम जहां आपका लालन पालन हुआ। एक गणित विश्वविद्यालय और शोध एवं विकास केंद्र खोलना आपका स्वप्न था जहां अभिनव तकनीकों के ज़रिये जनमानस को पेचीला गणीतिय सवालों के हल करने के शोर्टकट्स और प्रभावशाली स्मार्ट तरीकों में प्रवीण बनाया जा सके। टाइम्स आफ इंडिया के साथ एक बात चीत में आपने कहा था -मैं अपनी क्षमता तो लोगों को अंतरित नहीं कर सकती लेकिन एक संख्यात्मक रुझान तेज़ी से विकसित कर लेने में मैं जनसामान्य की मदद ज़रूर कर सकती हूँ। बड़ी संख्या है ऐसे लोगों की जिनकी तर्क शक्ति का दोहन नहीं किया जा सका है। आप इस मिथक को तोड़के महाप्रयाण यात्रा पर निकल गईं हैं कि लड़कियों का हाथ गणित में तंग होता है।[2]

पुस्तकें

  • फन विद नंबर्स
  • एस्ट्रोलॉजी फॉर यू
  • पजल्स टू पजल्स यू
  • मैथब्लीट[1]

निधन

मानव कम्प्यूटर के नाम से प्रसिद्ध शकुन्तला देवी का बंगलौर में 21 अप्रैल 2013 को निधन हो गया। वह 83 वर्ष की थी। जटिल गणितीय गणनाएं अत्यंत सरलता से मौखिक रूप से हल करने की कुशलता की वजह से उन्हें मानव कम्प्यूटर का नाम दिया गया।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 मानव कम्प्यूटर के नाम से प्रसिद्ध शकुन्तला देवी का बंगलौर में निधन (हिंदी) जागरण जोश। अभिगमन तिथि: 5 नवम्बर, 2013।
  2. शख्शियत :शकुन्तला देवी, गुदड़ों में लाल (हिंदी) कबीरा खडा़ बाज़ार में (ब्लॉग)। अभिगमन तिथि: 5 नवम्बर, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख