रम्पा विद्रोह: Difference between revisions
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*'''रम्पा विद्रोह''' 1879 ई. में किया गया था। | *'''रम्पा विद्रोह''' वर्ष [[1879]] ई. में किया गया था। [[आंध्र प्रदेश]] में यह विद्रोह [[अल्लूरी सीताराम राजू]] के नेतृत्व में हुआ, 1879 ई. से लेकर [[1920]]-[[1922|22]] ई. तक छिटपुट ढंग से चलता रहा। | ||
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*[[आंध्र प्रदेश]] के तटवर्ती क्षेत्रों में रम्पा आदिवासियों ने अंग्रेज़ सरकार समर्थित [[मनसबदार|मनसबदारों]] के ख़िलाफ़ यह विद्रोह किया था। | |||
*इस विद्रोह का प्रमुख कारण मनसबदारों की मनमानी, उनका भ्रष्टाचार और समाज में जंगल क़ानून का व्याप्त होना था। | *इस विद्रोह का प्रमुख कारण मनसबदारों की मनमानी, उनका भ्रष्टाचार और समाज में जंगल क़ानून का व्याप्त होना था। | ||
*सेना की मदद से [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] की सरकार ने 1880 ई. में इस विद्रोह को दबा दिया। | *सेना की मदद से [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] की सरकार ने 1880 ई. में इस विद्रोह को दबा दिया। | ||
*रम्पाओं को 'मुट्टा' तथा उनके ज़मींदार को 'मुट्टादार' कहा जाता था। सुलिवन ने रम्पाओं के विद्रोह के कारणों की जाँच की थी। उसने नये ज़मीदारों को हटाकर पुराने ज़मींदारों को रखने की सिफारिश की। | |||
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Revision as of 08:51, 4 May 2014
- रम्पा विद्रोह वर्ष 1879 ई. में किया गया था। आंध्र प्रदेश में यह विद्रोह अल्लूरी सीताराम राजू के नेतृत्व में हुआ, 1879 ई. से लेकर 1920-22 ई. तक छिटपुट ढंग से चलता रहा।
- आंध्र प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्रों में रम्पा आदिवासियों ने अंग्रेज़ सरकार समर्थित मनसबदारों के ख़िलाफ़ यह विद्रोह किया था।
- इस विद्रोह का प्रमुख कारण मनसबदारों की मनमानी, उनका भ्रष्टाचार और समाज में जंगल क़ानून का व्याप्त होना था।
- सेना की मदद से ईस्ट इण्डिया कम्पनी की सरकार ने 1880 ई. में इस विद्रोह को दबा दिया।
- रम्पाओं को 'मुट्टा' तथा उनके ज़मींदार को 'मुट्टादार' कहा जाता था। सुलिवन ने रम्पाओं के विद्रोह के कारणों की जाँच की थी। उसने नये ज़मीदारों को हटाकर पुराने ज़मींदारों को रखने की सिफारिश की।
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