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[[चित्र:Braj-Kolaz.jpg|right|120px|border|link=भारतकोश सम्पादकीय 23 सितम्बर 2014]]
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         '''[[ब्रज]]''' का ज़िक्र आते ही जो सबसे पहली आवाज़ हमारी स्मृति में आती है, वह है घाटों से टकराती हुई [[यमुना]] की लहरों की आवाज़… [[कृष्ण]] के साथ-साथ खेलकर यमुना ने [[बुद्ध]] और [[महावीर]] के प्रवचनों को साक्षात उन्हीं के मुख से अपनी लहरों को थाम कर सुना… [[फ़ाह्यान]] की चीनी भाषा में कहे गये मो-तो-लो (मोरों का नृत्य स्थल ‘मथुरा’) को भी समझ लिया और [[प्लिनी]] के ‘जोमनेस’ उच्चारण को भी… यमुना की ये लहरें [[रसखान|रसख़ान]] और [[रहीम]] के दोहों पर झूमी हैं… [[सूरदास|सूर]] और [[मीरां|मीरा]] के पदों पर नाची हैं… [[भारतकोश सम्पादकीय 23 सितम्बर 2014|पूरा पढ़ें]]
         आइए [[अशोक]] के काल याने तीसरी चौथी शताब्दी ईसा पूर्व चलते हैं, देखें क्या चल रहा है! महर्षि [[पाणिनि]] विश्व प्रसिद्ध संस्कृत व्याकरण के ग्रंथ [[अष्टाध्यायी]] को पूरा करने में निमग्न हैं। और ये उस तरफ़ कौन बैठा है ? ये तो महर्षि [[पिंगल महर्षि|पिंगल]] हैं पाणिनि के छोटे भाई, इनकी गणित में रुचि है, संख्याओं से खेलते रहते हैं और शून्य की खोज करके ग्रंथों की रचना कर रहे हैं। साथ ही कंप्यूटर में प्रयुक्त होने वाले बाइनरी सिस्टम को भी खोज कर अपने भुर्जपत्रों में सहेज रहे हैं।… [[भारतकोश सम्पादकीय 15 जनवरी 2015|पूरा पढ़ें]]
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| [[भारतकोश सम्पादकीय 30 जुलाई 2014|टोंटा गॅन्ग का सी.ई.ओ.]] ·
| [[भारतकोश सम्पादकीय 30 जुलाई 2014|टोंटा गॅन्ग का सी.ई.ओ.]] ·
| [[भारतकोश सम्पादकीय 27 मई 2014|जनतंत्र की जाति]] ·
| [[भारतकोश सम्पादकीय 27 मई 2014|जनतंत्र की जाति]]  
| [[भारतकोश सम्पादकीय 1 मार्च 2014|असंसदीय संसद]]  
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Revision as of 14:49, 15 January 2015

भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
भूली-बिसरी कड़ियों का भारत

right|120px|border|link=भारतकोश सम्पादकीय 15 जनवरी 2015

        आइए अशोक के काल याने तीसरी चौथी शताब्दी ईसा पूर्व चलते हैं, देखें क्या चल रहा है! महर्षि पाणिनि विश्व प्रसिद्ध संस्कृत व्याकरण के ग्रंथ अष्टाध्यायी को पूरा करने में निमग्न हैं। और ये उस तरफ़ कौन बैठा है ? ये तो महर्षि पिंगल हैं पाणिनि के छोटे भाई, इनकी गणित में रुचि है, संख्याओं से खेलते रहते हैं और शून्य की खोज करके ग्रंथों की रचना कर रहे हैं। साथ ही कंप्यूटर में प्रयुक्त होने वाले बाइनरी सिस्टम को भी खोज कर अपने भुर्जपत्रों में सहेज रहे हैं।… पूरा पढ़ें

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