वामन शिवराम आपटे: Difference between revisions

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'''वामन शिवराम आपटे''' (जन्म- [[1858]] ई., मृत्यु- [[1892]] ई., [[पुणे]], [[महाराष्ट्र]]) [[संस्कृत]] के महान पंडित थे। [[वर्ष]] [[1881]] ई. में इन्होंने 'केसरी' तथा 'मराठी' पत्रों का सम्पादन किया था। इनकी पुस्तकों में 'स्टूडेंट्स्‌ गाइड टु संस्कृत कांपोज़ीशन' तथा 'इंग्लिश-संस्कृत और संस्कृत-इंग्लिश कोश' विशेष प्रसिद्ध हैं।
'''वामन शिवराम आपटे''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vaman Shivaram Apte'', जन्म- [[1858]] ई., मृत्यु- [[1892]] ई., [[पुणे]], [[महाराष्ट्र]]) [[संस्कृत]] के महान पंडित थे। [[वर्ष]] [[1881]] ई. में इन्होंने 'केसरी' तथा 'मराठी' पत्रों का सम्पादन किया था। इनकी पुस्तकों में 'स्टूडेंट्स्‌ गाइड टु संस्कृत कांपोज़ीशन' तथा 'इंग्लिश-संस्कृत और संस्कृत-इंग्लिश कोश' विशेष प्रसिद्ध हैं।
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==जन्म==
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Revision as of 09:45, 19 June 2015

वामन शिवराम आपटे (अंग्रेज़ी: Vaman Shivaram Apte, जन्म- 1858 ई., मृत्यु- 1892 ई., पुणे, महाराष्ट्र) संस्कृत के महान पंडित थे। वर्ष 1881 ई. में इन्होंने 'केसरी' तथा 'मराठी' पत्रों का सम्पादन किया था। इनकी पुस्तकों में 'स्टूडेंट्स्‌ गाइड टु संस्कृत कांपोज़ीशन' तथा 'इंग्लिश-संस्कृत और संस्कृत-इंग्लिश कोश' विशेष प्रसिद्ध हैं।

जन्म

वामन शिवराम आपटे का जन्म सन 1858 ई. में सावंतवाड़ी रियासत के असोलीपाल नामक एक छोटे ग्राम में समृद्ध परिवार में हुआ था। इनके माता-पिता की असमय मृत्यु हो गई थी, जिस कारण इनका प्रारंभिक जीवन कष्टप्रद रहा। उन दिनों इन्हें अपने गुरु प्रधानाध्यापक कुंटे जी की सहानुभूति और सहायता प्राप्त होती रही थी।[1]

शिक्षा

इनमें गुरु के अशीर्वाद से विद्या के प्रति प्रारम्भ से ही सच्ची लगन थी। इन्होंने सन 1873 में मैट्रिक की परीक्षा 'जगन्नाथ शंकरशेट शिष्यवृत्ति' के साथ उत्तीर्ण की। वामन शिवराम आपटे ने गणित विषय के साथ एम. ए. की उपाधि प्रथम श्रेणी के साथ डेक्कन कॉलेज से प्राप्त की।

व्यावसायिक जीवन

सन 1881 में आपटे जी ने 'केसरी' और 'मराठी' पत्रों का संपादन किया। इन्होंने इन पत्रों तथा 'न्यू इंग्लिश स्कूल' के चलाने में विष्णुशास्त्री चिपलूणकर, लोकमान्य तिलक, गोपालराव आगरकर तथा महादेवराव नामजोशी के साथ मिलकर कार्य किया। इन्होंने 'न्यू इंग्लिश स्कूल' की सेवा अध्यापक और व्यवस्थापक के रूप में की थी। इस स्कूल के अनुशासन की ख्याति सर्वत्र थी। 1882 ई. में सरकारी शिक्षा आयोग के सम्मुख इन्होंने अपने विचार प्रस्तुत किए थे। 1885 में ये फ़र्ग्यूसन कॉलेज के प्रधानाध्यपक नियुक्त हुए। इस कॉलेज की प्रतिष्ठा और कीर्ति के पीछे इनका निरंतर उद्योग और प्रयत्न था।

पुस्तकें

वामन शिवराम आपटे की पुस्तकों में 'स्टूडेंट्स्‌ गाइड टु संस्कृत कांपोज़ीशन' तथा 'इंग्लिश-संस्कृत और संस्कृत-इंग्लिश कोश' विशेष प्रसिद्ध हैं। इनमें प्रथम पुस्तक के रूप में उनकी कीर्ति चिरस्थायी है। इस पुस्तक में संस्कृत वाक्यरचना के संबंध में उनके विचार नवीन और उनकी बुद्धिमत्ता के परिचायक हैं। यह पुस्तक भारत में ही नहीं, अपितु भारत के बाहर भी सर्वत्र मान्य है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 वामन शिवराम आपटे (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 18 जू, 2015।

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